वाशिंगटन:
अमेरिका ने ईरान के 36 विश्वविद्यालयों द्वारा 77 पाठ्यक्रमों में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित खबरों पर चिंता जताते हुए तेहरान से महिला अधिकारों की रक्षा करने को कहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नुलैंड ने कहा, यह फैसला ईरान में महिलाओं के दमन का प्रतीक है। महिलाओं ने पिछले एक दशक में विश्वविद्यालयों में प्रवेश के मामले में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। इस फैसले से ईरानी महिलाओं को रोजगार पाने में और ज्यादा दिक्कतें आएंगी।
नुलैंड ने कहा कि कई विश्वविद्यालयों के डीन ने इस निर्णय को सही बताते हुए कहा कि कई पाठ्यक्रम ‘पुरुषों की प्रवृत्ति’ वाले हैं और महिलाओं के लिए सही नहीं हैं, जबकि विज्ञान मंत्री कामरान दानिशजो ने इसे नैतिकता की रक्षा के लिए उठाया गया कदम बताया है।
नुलैंड ने कहा, इस तरह के बयान अपने भविष्य के स्वतंत्र रूप से निर्धारण के ईरानी महिलाओं के अधिकारों पर चोट करते हैं। उन्होंने कहा, हम ईरानी अधिकारियों से महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की मांग करते हैं। उन्हें ईरान के कानून और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन करते हुए शिक्षा समेत सभी क्षेत्रों में भेदभाव पर रोक लगानी चाहिए।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नुलैंड ने कहा, यह फैसला ईरान में महिलाओं के दमन का प्रतीक है। महिलाओं ने पिछले एक दशक में विश्वविद्यालयों में प्रवेश के मामले में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। इस फैसले से ईरानी महिलाओं को रोजगार पाने में और ज्यादा दिक्कतें आएंगी।
नुलैंड ने कहा कि कई विश्वविद्यालयों के डीन ने इस निर्णय को सही बताते हुए कहा कि कई पाठ्यक्रम ‘पुरुषों की प्रवृत्ति’ वाले हैं और महिलाओं के लिए सही नहीं हैं, जबकि विज्ञान मंत्री कामरान दानिशजो ने इसे नैतिकता की रक्षा के लिए उठाया गया कदम बताया है।
नुलैंड ने कहा, इस तरह के बयान अपने भविष्य के स्वतंत्र रूप से निर्धारण के ईरानी महिलाओं के अधिकारों पर चोट करते हैं। उन्होंने कहा, हम ईरानी अधिकारियों से महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की मांग करते हैं। उन्हें ईरान के कानून और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन करते हुए शिक्षा समेत सभी क्षेत्रों में भेदभाव पर रोक लगानी चाहिए।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं