अमेरिका की यूनाइटेड एयरलाइंस (US United Airlines) पर फ्लाइट अटेंडेंट पद के लिए खास उम्र और नैन-नक्श वाली महिलाओं को ही प्राथमिकता देने का आरोप लगा है. इसे लेकर हाल ही में एक मुकदमा दर्ज किया गया है. जिसमें आरोप लगा है कि प्रोफेशनल और कॉलेज स्पोर्ट्स टीम के लिए सेवाएं देने वाली एयरलाइंस उम्र और खास फीचर्स वाली महिला कैंडिडेट को ही फ्लाइट अटेंडेंट पद के लिए प्राथमिकता देती है. लॉस एंजिल्स टाइम्स के मुताबिक, ये दावा यूनाइटेड एयरलाइंस के दो फ्लाइट अटेंडेंट ने मुकदमे में किया है.
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एयरलाइंस ने इसलिए काम से निकाला...
उन्होंने कहा कि लॉस एंजिल्स डोजर्स बेसबॉल टीम की चार्टर फ्लाइट से उनको काम से इसलिए निकाल दिया गया, क्यों कि खिलाड़ी 'गोरी' 'यंग, 'पतली' और 'नीली आंखों' वाली महिलाओं को ही पसंद करते थे. 50 साल की डॉन टोड और 44 साल की डार्बी क्यूज़ादा ने दावा किया कि एयरलाइंस ने उनकी उपेक्षा की और बाद में युवा और पतली महिला सहकर्मियों को प्राथमिकता देने की वजह से उनको फ्लाइट से बाहर कर दिया गया. यूनाइटेड चार्टर फ्लाइट्स के कर्मचारियों के संबंध में लॉस एंजिल्स काउंटी सुपीरियर कोर्ट में दायर किए गए मुकदमे में दोनों महिलाओं ने नस्ल, राष्ट्रीय मूल, धर्म और उम्र के आधार पर उत्पीड़न और भेदभाव का आरोप लगाया था. ये दावा लॉस एंजिल्स टाइम्स की रिपोर्ट में किया गया.
'रंग गोरा न होने की वजह से हुई अनदेखी'
मुकदमे के मुताबिक टॉड और क्यूज़ादा, दोनों ने यूनाइटेड के लिए 15 सालों से ज्यादा समय तक अपनी सेवाएं दीं. लंबे फ्लाइट समय और अन्य सुविधाओं की वजह से इस तरह के असाइनमेंट से अटेंडेंट्स को सामान्य असाइनमेंट के मुक़ाबले तीन गुना तक मुआवज़ा मिल सकता है. मुकदमे में कहा गया है कि वादी के पास जरूरी अनुभव और योग्यताएं थीं, लेकिन रंग गोरा नहीं होने की वजह से उनकी अनदेखी कर दी गई.
युवा और नीली आंखों वाली अटेंडेंट को मौका देना का आरोप
द न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, यूनाइटेड एयरलाइंस ने उस मामले का निपटारा कर लिया है, जिसमें एयरलाइन पर "युवा, गोरी और और मुख्य रूप से सुनहरे या नीली आंखों वाली महिला अटेंडेंट को फ्लाइट में नियुक्त करने का आरोप लगाया गया था. नए मुकदमे में 2020 के समझौते को नए मामले के आधार के रूप में इस्तेमाल किया गया है, जिसमें कहा गया है कि "2022 में चीजें फिर से बदल गईं जब कई सफेद यूनाइटेड फ्लाइट अटेंडेंट को 'समर्पित दल' में जोड़ा गया.
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