संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख बान की-मून ने गाजा में फिलस्तीनियों और इस्राइल के बीच दीर्घकालीन संघर्षविराम का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि यह स्थायी शांति हासिल करने के लिए राजनैतिक प्रक्रिया के ‘प्रारंभ’ के रूप में काम करेगा।
हालांकि बान ने यह भी कहा कि कोई भी शांति प्रयास, जो संकट की मूल जड़ों को नष्ट नहीं करता है, वह ज्यादा कुछ कर नहीं पाएगा, इससे बल्कि हिंसा के एक नए चक्र की शुरुआत ही होगी। बान के प्रवक्ता द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, गाजा को एक ऐसी वैध फिलस्तीनी सरकार के तहत लाया जाना चाहिए, जो पीएलओ (फिलस्तीनी लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन) की प्रतिबद्धताओं का पालन करे।
गाजा पर गतिरोध खत्म होना चाहिए, इस्राइल की सुरक्षा से जुड़ी वैध चिंताओं पर गौर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाजा और इस्राइल का ‘उज्ज्वल भविष्य’ एक टिकाऊ संघर्षविराम पर निर्भर करता है और इस जिम्मेदारी को उठाना शामिल पक्षों पर निर्भर है।
बयान में कहा गया, 50 दिनों तक इंसानों को हुए कष्टों और तबाही के बाद संघर्षविराम का कोई भी उल्लंघन बेहद गैर-जिम्मेदाराना होगा।
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