"यूक्रेन (Ukraine) में कोई रासायनिक हथियार (Chemical Weapon) या जनसंहार का कोई भी हथियार ( Mass destruction weapon) नहीं बनाया गया." यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की (Zelensky) ने यह बताते हुए रूस (Russia) को चेतावनी दी है कि उनके देश पर अगर जैव हथियारों (Bioweapon) का प्रयोग होता है तो उससे बाद रूस पर और कड़े प्रतिबंध (Sanctions) लगाए जाएंगे. वोलोदिमिर जेलेंस्की ने एक वीडियो मैसेज में शुक्रवार सुबह कहा, " मैं एक सही देश, सही राष्ट्र का राष्ट्रपति हूं. मैं दो बच्चों का पिता हूं. मेरी जमीन पर ना कोई रासायनिक हथियार बना है और ना ही कोई जनसंहार का हथियार बना है."
उन्होंने आगे कहा, " पूरी दुनिया जानती है, आप जानते हैं. अगर रूस हमारे खिलाफ ऐसा कुछ करता है तो मैं जवाब में सबसे कठोर प्रतिबंध लगवाउंगा."
गुरुवार को एक टीवी ब्रीफिंग में रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता आइगर कोनाशेंकोव (Igor Konashenkov) ने कहा था कि अमेरिका की तरफ से वित्तपोषित रिसर्च का मकसद मारक जैवहथियार का तंत्र तैयार करना था.
कोनाशेंकोव ने दावा किया कि मंत्रालय को यूक्रेन में अमेरिका की सैन्य जैविक गतिविधियों से जुड़ा एक दस्तावेज मिला है जिसमें यूक्रेन के बायोमटीरियल के हस्तांतरण की भी बात कही गई है.
रूस की तरफ से कहा गया, " अमेरिका ने चिड़िया, चमगादड़ और सरिसर्पों पर जैविक रिसर्च करने की योजना बनाई थी, जिसमें अफ्रीकन स्वाइन फीवर और एंथ्रेक्स का भी प्रयोग शामिल था."
कोनाशेंकोव ने कहा,"अमेरिका की मदद से यूक्रेन में बायोलैब बनाई गईं जिनमें चमगादड़ के कोरोनावायरस सैंपल पर प्रयोग हो रहा था."
रूस के विदश मंत्रालय ने एक प्रैस कॉन्फ्रेंस में गुरुवार को अपने यूक्रेन समकक्ष दमित्रो कुलेबा के साथ बातचीत के बाद इन दावों को दोहराया. उन्होंने कहा, " अमेरिका ने इस काम को पूरी तरह से खुफिया रखा. बिल्कुल वैसे ही जैसे वो दूसरे पूर्व सोवियत देशों में करते हैं. वो वहां रूस के बॉर्डर के पास सैन्य जैविक लैब बनाते हैं."
अमेरिका और यूक्रेन, दोनों की तरफ से यूक्रेन में जैव हथियार बनाने की मंशा रखने वाली लैब होने से मना किया गया है. यूक्रेन पर 24 फरवरी से रूस के हजारों सैनिकों ने धावा बोल दिया है.
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