यूक्रेन (Ukraine) के विदेश मंत्रालय की ओर से मंगलवार को बताया गया है कि करीब 12,000 रूसी सैन्य बल (Russian Forces) यूक्रेन में आक्रमण शुरू होने के बाद से मारे गए हैं. यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के डेटा के अनुसार युद्ध के दौरान 1036 अलग-अलग प्रकार के बख्तरबंद वाहन, 48 एयरक्राफ्ट और 80 हेलीकॉप्टर, 303 टैंक. 120 युद्धक सामान और 56 MLRs युद्ध के दौरान नष्ट हुए हैं. इसके अलावा, 60 पानी के भंडार टैंक, 474 वाहन, 3 जहाज, 7 ड्रोन और 27 रूसी एंटी एयरक्राफ्ट युद्धक संयंत्र नष्ट हुए हैं.
रूसी सेना ने यूक्रेन पर 24 फरवरी को हमला बोला था. यह रूस की तरफ से यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों डोनेत्सक और लुहांस्क को अलग देश का दर्जा दिए जाने के तीन दिन बाद किया गया. रूस ने इसे स्पेशन मिलिट्री ऑपरेशन बताया था जो यूक्रेन को "सैन्यविहीन" करने और "नाजी ताकतों" से छुटकारा दिलाने के लिए शुरू किया गया.
इससे पहले यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने फिर से कहा था कि वो बिना डरे यूक्रेन की राजधानी कीव (Kyiv) में ही मौजूद हैं. ज़ेलेंस्की का यह बयान ऐसे समय आया है जब रूस की सेना ने यूक्रेन के कई शहरों पर गोलाबारी तेज़ कर दी है. रूसी सेना उत्तरी और पश्चिमी इलाके से राजधानी कीव में घुसने की कोशिश कर रही है. ज़ेलेंस्की ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर एक वीडियो जारी कर कहा, "मैं कीव में हूं. बंकोवा स्ट्रीट पर. मैं छिप नहीं रहा और मैं किसी से डरता भी नहीं हूं." उन्होंने कहा कि वो "देशभक्ति के लड़े जा रहे युद्ध" को जीतने के लिए जो हो सकेगा वो करेंगे.
2014 में जब रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया और रूस समर्थक अलगाववादियों ने देश के पूर्वी हिस्सों पर कब्जा कर लिया, तब से यूक्रेन ने पश्चिमी मदद से अपने सशस्त्र बलों को काफी हद तक मजबूत किया है. साल 2016 में नाटो और कीव ने यूक्रेनी विशेष बलों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया था, जो अब 2,000 की संख्या में हैं और नागरिक स्वयंसेवकों की मदद करने में सक्षम हैं.
जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के सहायक एसोसिएट प्रोफेसर डगलस लंदन ने कहा, "यूक्रेनवासियों ने पिछले आठ साल रूसी कब्जे का विरोध करने के लिए योजना बनाने, प्रशिक्षण देने और खुद को उपकरणों से लैस करने में बिताए हैं." यह समझते हुए कि युद्ध के मैदान में अमेरिका और नाटो उसके बचाव में नहीं आएंगे, यूक्रेन ने ऐसी रणनीति बनाई जिससे "मास्को खून बहाने पर केंद्रित हो गया है, ताकि कीव पर कब्जे की रणनीति को अस्थिर बनाया जा सके."
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(ANI और AFP की रिपोर्ट्स के अनुसार)
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