
एक तरफ रूस और यूक्रेन की जंग रोकने की कोशिश हो रही है. जब सऊदी में इस संघर्ष को रोकने के लिए बैठक होने वाली थी उससे ठीक पहले यूक्रेन का रूस की राजधानी मॉस्को पर बड़ा ड्रोन हमला हुआ है. रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन की तरफ से मॉस्को पर बड़ा ड्रोन हमला किया गया है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी अधिकारियों और मीडिया ने बताया कि यूक्रेन ने बुधवार को सुबह-सुबह रूसी राजधानी को निशाना बनाया, जो अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला था. जिसके कारण शहर को सेवा देने वाले दो एयरपोर्ट को भी बंद करना पड़ा.
हमले में घरों को नुकसान
ड्रोन हमले के बाद आग लग गई और घरों को नुकसान पहुंचा. मॉस्को के मेयर सर्गेई सोबयानिन ने कहा कि शहर की ओर बढ़ते समय कम से कम 60 ड्रोन नष्ट कर दिए गए. सोबयानिन ने टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर एक पोस्ट में कहा, "फिलहाल, मॉस्को में एक इमारत की छत एक गिरे हुए यूएवी के मलबे से थोड़ी क्षतिग्रस्त हो गई है." पहले की एक पोस्ट में उन्होंने कहा था कि शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, कोई हताहत नहीं हुआ है.
बिल्डिंग में लगी आग
कम से कम 21 मिलियन की आबादी वाला मॉस्को और उसके आसपास का क्षेत्र इस्तांबुल के साथ यूरोप के सबसे बड़े महानगरीय क्षेत्रों में से एक है. रूस की सुरक्षा सेवाओं के नज़दीक एक समाचार टेलीग्राम चैनल, बाज़ा और अन्य रूसी समाचार टेलीग्राम चैनलों ने मॉस्को के आसपास कई आवासीय आग के वीडियो पोस्ट किए. एक वीडियो में बाज़ा ने दिखाया कि क्रेमलिन से लगभग 50 किमी दक्षिण-पूर्व में मॉस्को क्षेत्र के रामेंसकोय जिले में एक बहुमंजिला आवासीय इमारत में एक अपार्टमेंट में आग लग गई.
सऊदी में होनी है अहम वार्ता
युद्ध की रोकने की कोशिशों के बीच आज यूक्रेनी और अमेरिका डेलिगेशन सऊदी में मिलने जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की बहस के बाद ये पहली बड़ी बैठक हो रही है. लेकिन इस बैठक से पहले ही हमले की खबर आ गई. यूक्रेन और अमेरिका में हाई लेवल बैठक होने जा रही है. इस हाई लेवल बैठक से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने क्राउन प्रिंस से भी मुलाकात की.
जब ट्रंप, जेलेंस्की में हुई बहस
व्हाइट में जेलेंस्की की ट्रंप और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ तीखी बहस हो गई थी जिसे पूरी दुनिया ने देखा. जेलेंस्की की सऊदी अरब यात्रा इस बात का संकेत है कि ओवल ऑफिस में तीखी बहस से पैदा हुआ तनाव कम हो रहा है. इस घटनाक्रम के बाद अमेरिका ने यूक्रेन के लिए सैन्य सहायता देना और यूक्रेनी के साथ खुफिया जानकारी साझा करना बंद कर दिया. रियाद में ही वाशिंगटन और मॉस्को की रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर शांति वार्ता हुई थी जिसमें कीव या किसी भी यूरोपीय देश को नहीं बुलाया गया था.
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