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This Article is From May 09, 2017

ट्रम्प ने अहम संघीय उर्जा एजेंसी के लिये भारतीय अमेरिकी नील को चुना

व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रम्प केंटुकी के नील चटर्जी  40 को फेडरल एनर्जी रेगुलेटरी कमिशन के लिये नामांकित करना चाहते हैं. यह कार्यकाल 30 जून 2021 को खत्म होगा.

ट्रम्प ने अहम संघीय उर्जा एजेंसी के लिये भारतीय अमेरिकी नील को चुना
प्रतीकात्मक फोटो
वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आज भारतीय-अमेरिकी नील चटर्जी को फेडरल एनर्जी रेगुलेटरी कमिशन एफईआरसी: में अहम प्रशासनिक पद के लिये नामांकित किया. यह एजेंसी अमेरिका के पावरग्रिड पर नजर रखती है और कई अरब डॉलर वाली उर्जा परियोजनाओं पर फैसला करती है.

व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रम्प केंटुकी के नील चटर्जी  40 को फेडरल एनर्जी रेगुलेटरी कमिशन के लिये नामांकित करना चाहते हैं. यह कार्यकाल 30 जून 2021 को खत्म होगा.

व्हाइट हाउस ने बताया कि यूएस सीनेट मेजोरिटी लीडर मिच मैक्कॉनेल के उर्जा नीति सलाहकार के तौर पर काम कर चुके चटर्जी ने उर्जा, राजमार्ग एवं कृषि कानून के मार्ग में अहम भूमिका निभायी है.

मैक्कॉनेल के लिये सेवा देने से पहले चटर्जी गवर्नमेंट रिलेशंस फॉर नेचुरल रूरल इलेक्ट्रिक कोऑपरेटिव एसोसिएशन में प्रधान और हाउस ऑफ रिपब्लिकन कॉन्फ्रेंस चेयरवुमन ओहायो की डेबोरा प्राइस के सहायक के तौर पर काम कर चुके हैं.

उन्होंने वाशिंगटन, डीसी में हाउस कमिटी ऑन वेज एंड मिन्स के साथ अपना कॅरियर शुरू किया था.

केंटुकी के लेक्जिंगटन के रहने वाले चटर्जी ने सेंट लॉरेंस यूनीवर्सिटी से स्नातक की डिग्री ली और यूनीवर्सिटी ऑफ सिसिनाटी कॉलेज ऑफ लॉ से पढ़ाई की.

फेडरल एनर्जी रेगुलेटरी कमिशन के सदस्य के तौर पर पद ग्रहण करने से पहले चटर्जी के नाम पर सीनेट से पुष्टि जरूरी है.

पिछले सप्ताह अमेरिकी सांसदों ने इस अहम संघीय नियामक आयोग में रिक्ती पर चिंता जतायी थी.

सीनेट की एनर्जी अध्यक्ष लीसा मुर्कोविस्की ने कहा, ‘उर्जा के क्षेत्र में हम तब तक कुछ अधिक नहीं कर सकते हैं जब तक कि एफईआरसी में पर्याप्त संख्या नहीं हो जाती. सबसे पहले हमें इसके लिये कुछ नामों की आवश्यकता है जो वास्तव में एक समिति के तौर पर काम कर सकें .’
 

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