
How to Become Corporate Lawyer: भारत की इकोनॉमी में कॉर्पोरेट सेक्टर करीब 53% GDP का योगदान देता है. जैसे-जैसे यह सेक्टर बढ़ रहा है, कॉर्पोरेट लॉयर की मांग भी तेजी से बढ़ रही है. कॉर्पोरेट लॉयर का काम सिर्फ कोर्ट में केस लड़ना नहीं होता, बल्कि इसमें बिजनेस गवर्नेंस, कॉन्ट्रैक्ट ड्राफ्टिंग, मर्जर-एक्विज़िशन, इंटरनेशनल ट्रेड, रेग्युलेटरी कंप्लायंस जैसे कई अहम काम (Corporate lawyer job profile and responsibilities) भी शामिल होते हैं. अगर आपको भी यह प्रोफाइल अट्रैक्ट (Corporate lawyer career guide 2025) करती है, तो यह आर्टिकल आपके लिए है. यहां हम बताएंगे कॉर्पोरेट लॉयर बनने की पूरी प्रोसेस (Steps to become corporate lawyer), एलिजिबिलिटी, स्किल्स, कोर्स, एग्जाम्स और करियर स्कोप...
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कॉर्पोरेट लॉयर कौन होता है - Who is a Corporate Lawyer
कॉर्पोरेट लॉयर किसी कंपनी, ऑर्गनाइजेशन या बिजनेस को कानूनी सलाह और मदद देता है. इसका काम कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट, डील्स, इन्वेस्टमेंट, एम्प्लॉयमेंट, मर्जर और अन्य कानूनी मामलों को संभालना होता है, ताकि कंपनी किसी कानूनी परेशानी में न फंसे.
कॉर्पोरेट लॉयर बनने का स्टेप बाय स्टेप रोडमैप - Corporate Lawyer Career
स्टेप 1
किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास कर सकते हैं. ह्यूमैनिटीज, कॉमर्स या साइंस में से कोई भी स्ट्रीम चुन सकते हैं. ह्यूमैनिटीज से पढ़ाई करने पर लॉ और सोशियोलॉजी का बेस मजबूत होता है.
स्टेप 2
लॉ एंट्रेंस एग्जाम CLAT, AILET, SLAT पास करें. कम से कम 50% मार्क्स के साथ 12वीं पास होना जरूरी. एग्जाम में इंग्लिश, करेंट अफेयर्स, GK, लॉजिकल रीजनिंग आते हैं.
स्टेप 3
फैकल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर, प्लेसमेंट और रिव्यू देखकर सही लॉ कॉलेज चुनें. इंटीग्रेटेड कोर्स (BA LLB, B.Com LLB या 3 साल का LLB कोर्स कर सकते हैं.
स्टेप 4
3 या 5 साल के कोर्स में स्पेशलाइजेशन जैसे कॉर्पोरेट लॉ, टैक्सेशन लॉ, क्रिमिनल लॉ चुनें.
स्टेप 5
स्किल्स डेवलप करें, नेगोशिएशन स्किल्स पर फोकस करें, डील्स को अपने पक्ष में करना सीखें, कानूनी डॉक्यूमेंट बनाना सीखें. पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट की जानकारी लें. रिसर्च, प्रॉब्लम सॉल्विंग और बिजनेस अवेयरनेस पर फोकस करें.
स्टेप 6
लॉ फर्म, कॉर्पोरेट हाउस या कंपनी में इंटर्नशिप करें. प्रैक्टिकल नॉलेज और इंडस्ट्री नेटवर्क बनाएं.
स्टेप 7
LLB के बाद स्टेट बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराएं. डॉक्यूमेंट्स जमा करें और फीस भरें.
स्टेप 8
ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE) पास करें. इसके बाद परमानेंट प्रैक्टिस लाइसेंस मिलेगा.
स्टेप 9
आप चाहें तो मास्टर्स डिग्री (ऑप्शनल) LLM से और ज्यादा गहराई में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं. इसके लिए CLAT PG, AILET PG जैसे एग्जाम पास करके अच्छे कॉलेज से एडमिशन लें.
कॉर्पोरेट लॉयर की जिम्मेदारियां क्या होती हैं - Corporate Lawyer Responsibilities
कंपनी के लिए कॉन्ट्रैक्ट और एग्रीमेंट बनाना.
मर्जर और एक्विज़िशन में कानूनी मदद.
कंपनी को लीगल रिस्क और कंप्लायंस में गाइड करना.
एम्प्लॉयमेंट और बिज़नेस लॉ से जुड़े केस संभालना.
स्टॉक मार्केट में कंपनी की लिस्टिंग कराना.
कॉर्पोरेट लॉयर कितने तरह के होते हैं- Corporate Lawyer Types
कॉन्ट्रैक्ट लॉयर
मर्जर एंड एक्विज़िशन स्पेशलिस्ट
वेंचर कैपिटल लॉयर
लीगल जर्नलिस्ट
कॉर्पोरेट लॉयर करियर स्कोप - Corporate Lawyer Career Scope
कॉर्पोरेट लॉयर की मांग बड़ी कंपनियों, स्टार्टअप्स, MNCs में लगातार बढ़ रही है.
मर्जर, कॉन्ट्रैक्ट नेगोशिएशन, स्टॉक डील्स हर जगह इनके बिना काम अधूरे हैं.
सैलरी शुरुआती 4-8 लाख रुपए सालाना हो सकती है. एक्सपीरिएंस के साथ करोड़ों तक जा सकती है.
जरूरी लॉ एंट्रेंस एग्जाम्स - Lawyer Required Law Entrance Exams
- कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT)
- महाराष्ट्र स्टेट लॉ कॉमन एंट्रेंस टेस्ट
- आंध्र प्रदेश स्टेट लॉ कॉमन एंट्रेंस टेस्ट
- तेलंगाना लॉ कॉमन एंट्रेंस टेस्ट
- DU LLB एंट्रेस एग्जाम
- भारत में लॉ स्कूल एंट्रेस एग्जाम
- इलाहाबाद यूनिवर्सिटी LAT एग्जाम
- BHU ग्रेजुएशन एंट्रेस एग्जाम
- पंजाब यूनिवर्सिटी LLB एंट्रेस एग्जाम
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