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वैक्सीन के दुष्प्रभावों का खुलासा होने के बाद कोविशील्ड की मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई पर लगाई रोक : सीरम इंस्टीट्यूट
- Thursday May 9, 2024
- Edited by: अवधेश पैन्यूली
ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा दिग्गज एस्ट्राजेनेका ने वैश्विक स्तर पर अपनी कोविड-19 वैक्सीन वापस ले ली है, पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने बुधवार को कहा कि उसने दिसंबर 2021 में कोविशील्ड की एक्स्ट्रा खुराक का निर्माण और आपूर्ति बंद कर दी है.
- ndtv.in
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एस्ट्राजेनेका विवाद के बाद कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को डरने की कितनी जरूरत?
- Wednesday May 8, 2024
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: अंजलि कर्मकार
एस्ट्राजेनेका ने फरवरी में ब्रिटिश हाईकोर्ट को बताया था कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन के खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. कुछ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी TTS हो सकता है. इसके फॉर्मूले से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute of India) ने कोवीशील्ड (Covishield) नाम से वैक्सीन बनाई थी.
- ndtv.in
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एस्ट्राजेनेका ने कोविड-19 वैक्सीन बाजार से वापस ली, बताई ये वजह
- Wednesday May 8, 2024
- Reported by: भाषा
एस्ट्राजेनेका के बयान में कहा गया कि इसी तरह वह वैक्सजेवरिया के लिए विपणन मंजूरी वापस लेने के लिए दुनिया भर के नियामक अधिकारियों के साथ काम करेगी.
- ndtv.in
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एस्ट्राजेनेका ने क्यों वापस ली कोविड-19 वैक्सीन?
- Wednesday May 8, 2024
- Edited by: अनिता शर्मा
कंपनी ने एक बयान में कहा, "कई कोविड वैरिएंट और संबंधित-वैक्सीन के कारण उपलब्ध अपडेटेड टीकों की अधिकता है. इससे वैक्सजेवरिया की मांग में गिरावट आई है, जिसकी अब निर्माण या आपूर्ति नहीं की जा रही है. इसलिए एस्ट्राजेनेका ने यूरोप के भीतर वैक्सजेवरिया के लिए 'मार्केटिंग ऑथराइजेशन' वापस लेने का फैसला लिया है."
- ndtv.in
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एस्ट्राजेनेका ने दुनियाभर के बाजारों से वापस मंगवाई कोरोना वैक्सीन, बताई ये वजह
- Wednesday May 8, 2024
- Edited by: स्वेता गुप्ता
टीटीएस इंसानों में खून के थक्के जमने और प्लेटलेट काउंट कम होने का कारण बनता है. ब्रिटेन में इस वजह से करीब 81 मौतें हुई हैं. हालांकि, वैक्सीन बनाने वाली कंपनी (AstraZeneca) ने इस बात से इनकार किया है कि कोविशील्ड को वापस लेने का फैसला कोर्ट केस से जुड़ा है.
- ndtv.in
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हमारी वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं : AstraZeneca पर सवाल उठने के बाद Covaxin बनाने वाली कंपनी
- Thursday May 2, 2024
- Reported by: परिमल कुमार, Edited by: सूर्यकांत पाठक
ब्रिटेन की दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने स्वीकार किया है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 vaccine) के दुर्लभ दुष्प्रभाव हो सकते हैं. इसके कुछ दिनों बाद भारतीय वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने गुरुवार को कहा कि कोवैक्सीन (Covaxin) को सबसे पहले सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करके विकसित किया गया था.
- ndtv.in
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एस्ट्राजेनेका ने माना कि कोविशील्ड से बढ़ता है टीटीएस का खतरा, क्या आपको चिंतित होना चाहिए?
- Wednesday May 1, 2024
- Edited by: अनिता शर्मा
यह उन रिपोर्टों के बाद आया जिनमें कहा गया था कि एस्ट्राजेनेका ने पहली बार अदालती दस्तावेजों में स्वीकार किया कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी में विकसित उसका टीका दुर्लभ और गंभीर ब्लड क्लॉट का खतरा पैदा कर सकता है.
- ndtv.in
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"हमारी सहानुभूति उन लोगों के साथ..." : कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स की चिंताओं के बीच एस्ट्राजेनेका
- Wednesday May 1, 2024
- Edited by: स्वेता गुप्ता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने टीके (Corona Vaccine) को "18 साल और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए सुरक्षित और प्रभावी" बताया है, जिसके प्रभाव की वजह से कानूनी कार्रवाई "बहुत दुर्लभ" हो गई है.
- ndtv.in
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कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स, वैक्सीन लेने वालों को कितना खतरा?
- Tuesday April 30, 2024
- Reported by: परिमल कुमार, Edited by: सचिन झा शेखर
कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि इससे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) की समस्या हो सकती है. कोविशील्ड का निर्माण ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (Oxfoard University) के वैज्ञानिकों ने किया था.
- ndtv.in
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कोविशिल्ड टीका लगवाया है तो भी डरने की जरूरत नहीं है, सीरम इंस्टीट्यूट ने पहले ही दे दी थी यह जानकारी
- Tuesday April 30, 2024
- Written by: राजेश कुमार आर्य
भारत में कोविशिल्ड टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने अगस्त 2021 में ही यह जानकारी दे दी थी. कंपनी का कहना है कि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम एक लाख में से एक से भी कम व्यक्ति में पाए जाने की आशंका है.
- ndtv.in
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एस्ट्राजेनेका ने माना- कोविशील्ड वैक्सीन से लोगों को हो सकते हैं रेयर साइड इफेक्ट
- Tuesday April 30, 2024
- Reported by: ख़बर न्यूज़ डेस्क, Edited by: तिलकराज
कोरोना महामारी के दौरान एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया था और देश में व्यापक रूप से इसे लोगों को दिया गया था.
- ndtv.in
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एस्ट्राजेनेका की नेजल स्प्रे कोविड वैक्सीन को झटका, शुरुआती परीक्षण में विफल
- Tuesday October 11, 2022
- एनडीटीवी
डॉक्टर ने कहा, "हमें टीकों को विकसित करने के लिए तत्काल और अधिक शोध की जरूरत है, जो सांस से होने वाली इस महामारी कोविड वायरस को फैलने से रोक सके और जो बड़े पैमाने पर सुरक्षित और व्यावहारिक हों."
- ndtv.in
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एस्ट्राजेनेका टीके की तीसरी खुराक ओमिक्रॉन के खिलाफ प्रभावी: अध्ययन
- Thursday January 13, 2022
- Reported by: भाषा, Edited by: वर्तिका
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित और भारत में कोविशील्ड के तौर पर लगाए जा रहे टीके के जारी परीक्षण में पता चला है कि इसकी तीसरी खुराक से SARS COv2 के बीटा, डेल्टा, अल्फा और गामा वेरिएंट्स के खिलाफ़ शरीर की इम्यूनिटी में इजाफा हुआ. परीक्षण के नमूनों का अलग से विश्लेषण करने पर ओमीक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ भी एंटीबॉडी तेजी से बनने की बात सामने आई. वैक्सजेवरिया या कोई mRNA टीका लगवा चुके लोगों में परिणामों का अध्ययन किया गया.
- ndtv.in
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Covishield वैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षा दोनों डोज लेने के तीन महीने बाद हो जाती है कम: अध्ययन
- Tuesday December 21, 2021
- Reported by: भाषा
एस्ट्राजेनेका टीका लगवा चुके लोगों को गंभीर रोग से बचाने के लिए बूस्टर खुराक की जरूरत है. एस्ट्राजेनेका टीके को भारत में कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है. शोधकर्ताओं ने स्कॉटलैंड में 20 लाख और ब्राजील में 4.2 करोड़ लोगों से जुड़े आंकड़े का विश्लेषण किया.
- ndtv.in
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ओमिक्रॉन के खतरे के बीच दीया मिर्जा ने पूछा 'बूस्टर डोज कैसे मिलेगी' तो यूजर्स ने यूं किया रिएक्ट
- Tuesday December 21, 2021
- Written by: नरेंद्र सैनी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में अब तक ओमिक्रॉन के 200 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. ओमिक्रॉन के यह दो सौ मामले 12 राज्यों में आए हैं, जिनमें दिल्ली और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा केस हैं.
- ndtv.in
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वैक्सीन के दुष्प्रभावों का खुलासा होने के बाद कोविशील्ड की मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई पर लगाई रोक : सीरम इंस्टीट्यूट
- Thursday May 9, 2024
- Edited by: अवधेश पैन्यूली
ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा दिग्गज एस्ट्राजेनेका ने वैश्विक स्तर पर अपनी कोविड-19 वैक्सीन वापस ले ली है, पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने बुधवार को कहा कि उसने दिसंबर 2021 में कोविशील्ड की एक्स्ट्रा खुराक का निर्माण और आपूर्ति बंद कर दी है.
- ndtv.in
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एस्ट्राजेनेका विवाद के बाद कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को डरने की कितनी जरूरत?
- Wednesday May 8, 2024
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: अंजलि कर्मकार
एस्ट्राजेनेका ने फरवरी में ब्रिटिश हाईकोर्ट को बताया था कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन के खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. कुछ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी TTS हो सकता है. इसके फॉर्मूले से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute of India) ने कोवीशील्ड (Covishield) नाम से वैक्सीन बनाई थी.
- ndtv.in
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एस्ट्राजेनेका ने कोविड-19 वैक्सीन बाजार से वापस ली, बताई ये वजह
- Wednesday May 8, 2024
- Reported by: भाषा
एस्ट्राजेनेका के बयान में कहा गया कि इसी तरह वह वैक्सजेवरिया के लिए विपणन मंजूरी वापस लेने के लिए दुनिया भर के नियामक अधिकारियों के साथ काम करेगी.
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एस्ट्राजेनेका ने क्यों वापस ली कोविड-19 वैक्सीन?
- Wednesday May 8, 2024
- Edited by: अनिता शर्मा
कंपनी ने एक बयान में कहा, "कई कोविड वैरिएंट और संबंधित-वैक्सीन के कारण उपलब्ध अपडेटेड टीकों की अधिकता है. इससे वैक्सजेवरिया की मांग में गिरावट आई है, जिसकी अब निर्माण या आपूर्ति नहीं की जा रही है. इसलिए एस्ट्राजेनेका ने यूरोप के भीतर वैक्सजेवरिया के लिए 'मार्केटिंग ऑथराइजेशन' वापस लेने का फैसला लिया है."
- ndtv.in
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एस्ट्राजेनेका ने दुनियाभर के बाजारों से वापस मंगवाई कोरोना वैक्सीन, बताई ये वजह
- Wednesday May 8, 2024
- Edited by: स्वेता गुप्ता
टीटीएस इंसानों में खून के थक्के जमने और प्लेटलेट काउंट कम होने का कारण बनता है. ब्रिटेन में इस वजह से करीब 81 मौतें हुई हैं. हालांकि, वैक्सीन बनाने वाली कंपनी (AstraZeneca) ने इस बात से इनकार किया है कि कोविशील्ड को वापस लेने का फैसला कोर्ट केस से जुड़ा है.
- ndtv.in
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हमारी वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं : AstraZeneca पर सवाल उठने के बाद Covaxin बनाने वाली कंपनी
- Thursday May 2, 2024
- Reported by: परिमल कुमार, Edited by: सूर्यकांत पाठक
ब्रिटेन की दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने स्वीकार किया है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 vaccine) के दुर्लभ दुष्प्रभाव हो सकते हैं. इसके कुछ दिनों बाद भारतीय वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने गुरुवार को कहा कि कोवैक्सीन (Covaxin) को सबसे पहले सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करके विकसित किया गया था.
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एस्ट्राजेनेका ने माना कि कोविशील्ड से बढ़ता है टीटीएस का खतरा, क्या आपको चिंतित होना चाहिए?
- Wednesday May 1, 2024
- Edited by: अनिता शर्मा
यह उन रिपोर्टों के बाद आया जिनमें कहा गया था कि एस्ट्राजेनेका ने पहली बार अदालती दस्तावेजों में स्वीकार किया कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी में विकसित उसका टीका दुर्लभ और गंभीर ब्लड क्लॉट का खतरा पैदा कर सकता है.
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"हमारी सहानुभूति उन लोगों के साथ..." : कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स की चिंताओं के बीच एस्ट्राजेनेका
- Wednesday May 1, 2024
- Edited by: स्वेता गुप्ता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने टीके (Corona Vaccine) को "18 साल और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए सुरक्षित और प्रभावी" बताया है, जिसके प्रभाव की वजह से कानूनी कार्रवाई "बहुत दुर्लभ" हो गई है.
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कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स, वैक्सीन लेने वालों को कितना खतरा?
- Tuesday April 30, 2024
- Reported by: परिमल कुमार, Edited by: सचिन झा शेखर
कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि इससे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) की समस्या हो सकती है. कोविशील्ड का निर्माण ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (Oxfoard University) के वैज्ञानिकों ने किया था.
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कोविशिल्ड टीका लगवाया है तो भी डरने की जरूरत नहीं है, सीरम इंस्टीट्यूट ने पहले ही दे दी थी यह जानकारी
- Tuesday April 30, 2024
- Written by: राजेश कुमार आर्य
भारत में कोविशिल्ड टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने अगस्त 2021 में ही यह जानकारी दे दी थी. कंपनी का कहना है कि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम एक लाख में से एक से भी कम व्यक्ति में पाए जाने की आशंका है.
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एस्ट्राजेनेका ने माना- कोविशील्ड वैक्सीन से लोगों को हो सकते हैं रेयर साइड इफेक्ट
- Tuesday April 30, 2024
- Reported by: ख़बर न्यूज़ डेस्क, Edited by: तिलकराज
कोरोना महामारी के दौरान एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया था और देश में व्यापक रूप से इसे लोगों को दिया गया था.
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एस्ट्राजेनेका की नेजल स्प्रे कोविड वैक्सीन को झटका, शुरुआती परीक्षण में विफल
- Tuesday October 11, 2022
- एनडीटीवी
डॉक्टर ने कहा, "हमें टीकों को विकसित करने के लिए तत्काल और अधिक शोध की जरूरत है, जो सांस से होने वाली इस महामारी कोविड वायरस को फैलने से रोक सके और जो बड़े पैमाने पर सुरक्षित और व्यावहारिक हों."
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एस्ट्राजेनेका टीके की तीसरी खुराक ओमिक्रॉन के खिलाफ प्रभावी: अध्ययन
- Thursday January 13, 2022
- Reported by: भाषा, Edited by: वर्तिका
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित और भारत में कोविशील्ड के तौर पर लगाए जा रहे टीके के जारी परीक्षण में पता चला है कि इसकी तीसरी खुराक से SARS COv2 के बीटा, डेल्टा, अल्फा और गामा वेरिएंट्स के खिलाफ़ शरीर की इम्यूनिटी में इजाफा हुआ. परीक्षण के नमूनों का अलग से विश्लेषण करने पर ओमीक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ भी एंटीबॉडी तेजी से बनने की बात सामने आई. वैक्सजेवरिया या कोई mRNA टीका लगवा चुके लोगों में परिणामों का अध्ययन किया गया.
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Covishield वैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षा दोनों डोज लेने के तीन महीने बाद हो जाती है कम: अध्ययन
- Tuesday December 21, 2021
- Reported by: भाषा
एस्ट्राजेनेका टीका लगवा चुके लोगों को गंभीर रोग से बचाने के लिए बूस्टर खुराक की जरूरत है. एस्ट्राजेनेका टीके को भारत में कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है. शोधकर्ताओं ने स्कॉटलैंड में 20 लाख और ब्राजील में 4.2 करोड़ लोगों से जुड़े आंकड़े का विश्लेषण किया.
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ओमिक्रॉन के खतरे के बीच दीया मिर्जा ने पूछा 'बूस्टर डोज कैसे मिलेगी' तो यूजर्स ने यूं किया रिएक्ट
- Tuesday December 21, 2021
- Written by: नरेंद्र सैनी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में अब तक ओमिक्रॉन के 200 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. ओमिक्रॉन के यह दो सौ मामले 12 राज्यों में आए हैं, जिनमें दिल्ली और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा केस हैं.
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