
- हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा को विधानसभा में सर्वसम्मति से राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया.
- चंबा, कुल्लू और लाहौल स्पीति में भारी बारिश से सड़कें टूटने और बिजली-पानी मोबाइल नेटवर्क बाधित है.
- चंबा में फंसे तीन हजार से अधिक यात्रियों को रेस्क्यू कर लिया गया है और चार हेलीकॉप्टर राहत कार्य में लगे हैं.
हिमाचल प्रदेश आपदा से बेहाल है. हिमाचल विधानसभा में मॉनसून के दौरान आई प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने को लेकर नियम 102 के तहत सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया. विपक्षी दल भाजपा ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है. इस बीच विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने NHAI और राज्य सरकार के अधिकारियों से बैठक कर सड़कों व अन्य राहत बचाव कार्यों में कोऑर्डिनेशन से कार्य करने के निर्देश दिए हैं.
ज़रूरत पड़ी तो आर्मी की मदद लेंगे
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि चंबा, कुल्लू और लाहौल स्पीति में भारी बारिश से सड़कें टूटू गईं हैं, बिजली, पानी और मोबाइल नेटवर्क की भी समस्या है, लेकिन परिस्थितियां सामान्य हैं और नियंत्रण में हैं. चंबा मणिमहेश यात्रा पर गए तीन हज़ार यात्रियों को रेस्क्यू कर लिया गया है. लोग पैनिक न हों और अफवाहों पर ध्यान न दें. चंबा में चार हेलीकॉप्टर तैनात हैं, लेकिन उड़ान मौसम पर निर्भर करेगी. इसके अलावा कुल्लू और लाहौल स्पीति में भी हेलीकॉप्टर राहत व बचाव के लिए लगाया गया है. यदि ज़रूरत पड़ी तो आर्मी की मदद लेंगे. राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी खुद चंबा के लिए रवाना हो गए हैं.
8 हज़ार यात्री फंसे

Photo Credit: PTI
उधर, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने विधानसभा में ही NHAI के अधिकारियों और राज्य सरकार के अधिकारियों की बैठक की और फोरलेन के कार्यों को सही तरीके से करने के साथ सड़कों को बहाल करने में कोऑर्डिनेशन से काम करने के दिशा निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्यों की अलग समस्याएं हैं, ऐसे में उनके लिए अलग से नीति बनाई जाए, ताकि विकास और कुदरत में सामंजस्य बिठाया जा सके. उनके गृह जिला चंबा में भारी बारिश से काफी नुकसान हो चुका है. 8 हज़ार के करीब यात्री फंसे हैं. उनको वहां से निकाला जा रहा है. पूरा प्रशासन राहत बचाव कार्यों में जुटा हुआ है. जल्द हालात सामान्य होंगे.
150 लोगों की सड़क हादसों में मौत
आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में 20 जून से शुरू हुई मानसून में अब तक 310 लोगों की गई जान गई है. 38 लोग लापता हैं. 350 लोग घायल भी हैं. प्रदेश में जारी बारिश के बीच मानसून सीजन के दौरान अभी तक कुल 2394 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है. प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 25 अगस्त तक 306 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. 367 लोग घायल हुए हैं. 38 लोग अभी लापता हैं. इस दौरान 150 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है. बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 3,656 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है. 2,819 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुईं हैं. 1,843 पालतु पशुओं की मौत हुई है और अभी भी भारी बारिश , बादल फटने व फ़्लश फ्लड से तबाही का सिलसिला जारी है.
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