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This Article is From Aug 16, 2022

US के रक्षा मुख्यालय में अब बेरोकटोक जाएगा India का यह अधिकारी, अमेरिकी वायुसेना सचिव ने बताया यह कितनी बड़ी बात...

अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन (Pentagon) में जाने की अनुमति पाना बेहद मुश्किल काम माना जाता है. यहां तक की अमेरिकी नागरिक भी उच्च स्तरीय सुरक्षा मंजूरी के बिना वहां नहीं जा सकते.

US के रक्षा मुख्यालय में अब बेरोकटोक जाएगा India का यह अधिकारी, अमेरिकी वायुसेना सचिव ने बताया यह कितनी बड़ी बात...
अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंगाटन में बेरोकटोक घुसना कोई आम बात नहीं है (File Photo)
वॉशिंगटन:

अमेरिका (US) के रक्षा मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारतीय रक्षा अताशे (Indian defence attache) अब बिना किसी रोक-टोक (अनएस्कॉर्ट) के अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन (Pentagon) में जा सकते हैं. रक्षा अताशे आमतौर पर राजनयिक मिशन से संबद्ध एक सैन्य विशेषज्ञ होता है. अमेरिकी वायु सेना के सेक्रेटरी फ्रैंक केन्डाल ने अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू की ओर से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सोमवार को ‘इंडिया हाउस' में आयोजित भोज के दौरान कहा कि इस तरह का कदम उस भरोसे और सहयोग को रेखांकित करता है जो अमेरिका और भारत के बीच हैं.

केन्डाल ने कहा, ‘‘ भारतीय (रक्षा) अताशे टीम अब बेरोकटोक पेंटागन में जा सकती है. यह अहम रक्षा साझेदार के तौर पर भारत के साथ हमारे संबंधों की शुरुआत है.'' उन्होंने कहा, ‘‘ अगर आपको नहीं लगता कि पेंटागन तक बिना बाधा के पहुंच बड़ी बात है तो बता दूं कि मैं पेंटागन में अनुरक्षक (एस्कॉर्ट) के बिना नहीं जा सकता.''

अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन में जाने की अनुमति पाना बेहद मुश्किल काम माना जाता है. यहां तक की अमेरिकी नागरिक भी उच्च स्तरीय सुरक्षा मंजूरी के बिना वहां नहीं जा सकते.

केन्डाल ओबामा प्रशासन के दौरान भारतीय मुद्दों पर काम कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि तभी से यह इच्छा थी कि राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में संबंध मजबूत हों.

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत वह देश है जिसके साथ हम किसी अन्य देश की तुलना में ज्यादा अभ्यास करते हैं. हमारे दीर्घकालिक करीबी संबंध हैं और हम इसे बनाने तथा मजबूत करने में सफल रहे हैं.....'' केन्डाल ने कहा कि ‘द डिफेंस ट्रेड एंड टेक्नोलॉजी' संबंधी पहल मजबूत हुई है. 

इस मौके पर अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि भारत समृद्धि की नयी ऊंचाइयों पर पहुंचने की इच्छा रखता है और अमेरिका अगले 25 वर्षों में उसकी यात्रा में अहम साझेदार होगा. उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका की साझेदारी दोनों देशों तथा दुनिया के लिए सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक बन गयी है. 

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का मानना है कि भारत-अमेरिका संबंध, वैश्विक शांति, स्थिरता और आर्थिक लचीलेपन के लिए आवश्यक है। बाइडन की शीर्ष व्यापार वार्ताकार कैथरीन ताइ ने यह बात कही है. उन्होंने कहा कि मुश्किल मुद्दों पर काम करने के लिए दोनों देश अब बेहतर स्थिति में हैं.

वहीं अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) ताइ ने सोमवार को भारत के स्वतंत्रता दिवस पर इंडिया हाउस में अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘राष्ट्रपति बाइडन का मानना है कि हमारे दो महान लोकतंत्रों के बीच संबंध वैश्विक शांति, स्थिरता और आर्थिक लचीलेपन के लिए आवश्यक है.''

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