विज्ञापन
This Article is From Sep 04, 2021

अफगानिस्तान में सरकार के अंतिम रूप लेते ही तालिबान का विद्रोहियों से ताजा संघर्ष

अफगानिस्तान-तालिबान संकट : पंजशीर ने सोवियत संघ के कब्जे और 1996-2001 तक तालिबान के पहले शासन के खिलाफ लगभग एक दशक तक विरोध किया था

अफगानिस्तान में सरकार के अंतिम रूप लेते ही तालिबान का विद्रोहियों से ताजा संघर्ष
पंजशीर में तालिबान को कड़े विद्रोह का सामना करना पड़ रहा है (फाइल फोटो).
काबुल:

अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी में तालिबान और उसके खिलाफ खड़े हुए बलों के बीच शनिवार को ताजा लड़ाई की सूचना मिली. यह कट्टरपंथी इस्लामवादियों के नई सरकार को अंतिम रूप देने के साथ हो रहा है. तालिबान ने घोषणा की है कि वह पंजशीर में प्रतिरोध को खत्म करने के लिए दृढ़ हैं. इससे पहले सोमवार को विद्रोहियों के शासकों के रूप में बदलने की चुनौती का सामना करते हुए अमेरिकी सेना की वापसी हो गई. दो दशकों का युद्ध समाप्त हो गया. लेकिन पंजशीर, जो सोवियत संघ के कब्जे और फिर 1996-2001 के बीच तालिबान के पहले शासन के खिलाफ लगभग एक दशक तक प्रतिरोध करता रहा. वह अब फिर विद्रोह कर रहा है.

तालिबान विरोधी मिलिशिया और पूर्व अफगान सुरक्षा बलों से बने तथाकथित नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट (NRF) के लड़ाकों के बारे में समझा जाता है कि उन्होंने काबुल से लगभग 80 किलोमीटर (50 मील) उत्तर में घाटी में एक महत्वपूर्ण शस्त्रागार बना लिया है. 

राजधानी काबुल में रात भर जश्न के साथ गोलियां चलती रहीं क्योंकि अफवाह फैली थी कि घाटी में तालिबान को फतह मिल गई. लेकिन तालिबान ने शनिवार को कोई आधिकारिक दावा नहीं किया. एक स्थानीय निवासी ने एएफपी को फोन पर बताया कि रिपोर्ट झूठी थी. 

गोलियां चलने से काबुल में आपातकालीन अस्पताल ने कहा कि दो लोगों की मौत हो गई और 20 लोग घायल हो गए. तालिबान ने अपने लड़ाकों को रोकने के लिए कड़ी चेतावनी ट्वीट की थी. मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, "हवा में फायरिंग से बचें और इसके बजाय भगवान का शुक्रिया अदा करें." उन्होंने कहा कि "आपको दिए गए हथियार और गोलियां सार्वजनिक संपत्ति हैं. किसी को भी उन्हें बर्बाद करने का अधिकार नहीं है. गोलियां नागरिकों को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं, व्यर्थ में गोली मत चलाना."

पंजशीर में पूर्व उपाध्यक्ष अमरुल्ला सालेह ने प्रसिद्ध तालिबान विरोधी कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद के साथ-साथ एनआरएफ की खतरनाक स्थिति को स्वीकार किया. सालेह ने एक वीडियो संदेश में कहा, "स्थिति कठिन है, हम पर आक्रमण किया गया है."

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com