काबुल:
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने शनिवार को कहा कि अमेरिका आतंकवादी संगठन तालिबान के साथ शांति वार्ता कर रहा है। यह पहली बार है जब तालिबान के साथ वार्ता प्रक्रिया में अमेरिका के शामिल होने की पुष्टि की गई है। अमेरिका ने अब तक करजई की घोषणा पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है। वेबसाइट 'बीबीसी डॉट को डॉट यूके' के अनुसार करजई ने काबुल में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विदेशी सेनाएं विशेषतौर पर अमेरिका तालिबान के साथ शांति वार्ता में शामिल है। उन्होंने इस बातचीत का कोई विवरण नहीं दिया। करजई ने कहा, "इस साल हमने तालिबान और अपने देशवासियों से बातचीत की है। उनके साथ वार्ता शुरू हो चुकी है और वह प्रगति पर है। विदेश मंत्रालय विशेषकर अमेरिका इस वार्ता को जारी रखे हुए है।" उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या बातचीत में अफगान अधिकारियों को शामिल किया गया या नहीं। इस महीने के आरम्भ में अमेरिकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स ने कहा था कि इस साल के आखिर में तालिबान से राजनीतिक वार्ता हो सकती है। अमेरिका अफगानिस्तान में तैनात 97000 सैनिकों को इस साल जुलाई से वापस बुलाना शुरू करने वाला है। उसका लक्ष्य 2014 तक सभी सैनिक स्वदेश वापस बुलाने का है। शांति वार्ता के बारे में तालिबान हमेशा से कहता आया है कि जब तक अफगानिस्तान से विदेशी फौजे हट नहीं जातीं तब तक वह सरकार के साथ वार्ता प्रक्रिया में शामिल नहीं होगा। अमेरिका ने अब तक करजई की घोषणा पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है। ब्रिटेन का कहना है कि वह हिंसा त्यागने, आतंकवादी गुटों से नाता तोड़ने वाले और अफगान संविधान को स्वीकार करने वाले आतंकवादियों के साथ सुलह के प्रयासों का समर्थन करता है। अफगानिस्तान में ब्रिटिश फौजों के पूर्व कमांडर रिचर्ड कैम्प का कहना है कि फिलहाल तालिबान से सफल शांति वार्ता की कोई सम्भावना नहीं है। इससे पहले शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान में सुलह की कोशिशों में सहायता देने के लिए तालिबान और अलकायदा पर प्रतिबंध लगाने से संबद्ध समितियां अलग-अलग कर दीं। इससे पहले दोनों संगठनों पर प्रतिबंध एक ही संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति द्वारा लगाए जाते थे। सुरक्षा परिषद का कहना है कि वह तालिबान को संकेत दे रही है कि राजनीतिक प्रक्रिया में उसके शामिल होने का वक्त आ चुका है। करजई की इस घोषणा के कुछ ही देर बाद काबुल में वित्त मंत्रालय के निकट एक थाने पर दो आत्मघाती विस्फोट हुए। तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। आंतरिक मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि वे चार हमलावर थे। एक ने खुद को उड़ा दिया। दो हमलावर पुलिस के हाथों मारे गए जबकि एक अब तक सुरक्षाबलों से मुकाबला कर रहा है।
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