वोटर्स ने चुना नया राष्ट्रपति फिर भी नहीं बदले ड्रैगन के तेवर, ताइवान पर दबाव बनाए रखेगा चीन
25 साल में आया सबसे ज्यादा भूकंप
ताइवान के केंद्रीय मौसम प्रशासन के मुताबिक, यह ताइवान में 25 साल में आने वाला सबसे तेज तीव्रता वाला भूकंप है. इसके पहले 1999 में 7.6 तीव्रता का भूंकप आया था. उस दौरान 2400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. अधिकारियों ने कहा कि यह भूकंप दशकों में द्वीप को हिला देने वाला सबसे शक्तिशाली भूकंप था. आने वाले दिनों में और ज्यादा भूकंप आने की चेतावनी दी गई है.
कहां था भूकंप का केंद्र
भारतीय समय के मुताबिक, ताइवान में बुधवार सुबह 5:30 बजे (समयानुसार सुबह 8:00 बजे) भूकंप के झटके महसूस किए गए. संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र ताइवान के हुलिएन शहर से 18 किलोमीटर (11 मील) दक्षिण में 34.8 किलोमीटर की गहराई पर बताया है.
ताइवान में 7.4 तीव्रता का जोरदार भूकंप आया, सुनामी की भी चेतावनी जारी
ताइपे के केंद्रीय मौसम प्रशासन के भूकंप विज्ञान केंद्र के डायेक्टर वू चिएन-फू ने कहा, "भूकंप का केंद्र जमीन के करीब है और उथला हुआ है. इसे पूरे ताइवान और अपतटीय द्वीपों पर महसूस किया गया." फू ने कहा, "ऐसा लगता है कि सख्त निर्माण नियमों और आपदा जागरूकता ने द्वीप में एक बड़ी तबाही को टाल दिया है." भारत ने जारी किया इमरजेंसी नंबर
भारत ने ताइवान में रहने वाले भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की है. इंडिया ताइपे एसोसिएशन ने भूकंप के बाद इमरजेंसी नंबर 0905247906 और ई-मेल आईडी ad.ita@mea.gov.in जारी किया है. ये इस तरह है.
वीडियो हो रहे वायरल
सोशल मीडिया पर भूंकप के दौरान लोगों के भागने के कई वीडियो शेयर किए जा रहे हैं. राजधानी ताइपे के एक होटल में रह रहे गेस्ट केल्विन ह्वांग ने भूकंप के दौरान होटल की नौवें फ्लोर पर लिफ्ट लॉबी में पनाह ली. उन्होंने कहा- "मैं बाहर भागना चाहता था, लेकिन मैंने कपड़े नहीं पहने थे. यह बहुत मजबूत भूकंप था."
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लोकल टीवी चैनलों पर हुलिएन और अन्य जगहों पर बहुमंजिला इमारतों के जमींदोज होने के फुटेज भी दिखाए जा रहे हैं. भूकंप के बाद न्यू ताइपे शहर में एक गोदाम भी ढह गया. लोकल टीवी चैनलों में बुलडोजरों को हुलिएन की सड़कों से मलबा हटाते हुए दिखाया गया. 120 से ज्यादा लोग फंसे
ताइवान की नेशनल फायर एजेंसी के मुताबिक, भूकंप के बाद 120 लोगों के फंसे होने की खबर मिली. इनमें से 77 लोग टनल में फंसे हैं. दरअसल, भूकंप के बाद कई सड़कों में दरार आ गई, टनल टूट गए. ऐसे में आवाजाही के रास्ते बंद हो गए हैं. यहां टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है.
राष्ट्रपति ने की मदद की अपील
इस बीच राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने स्थानीय और केंद्र सरकार की एजेंसियों से एक-दूसरे के साथ समन्वय करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेना भी मदद करेगी.
चीन ने भी बढ़ाया मदद का हाथ
इस मुश्किल घड़ी में जापान और चीन ने ताइवान को मदद देने की पेशकश की है. चीनी मीडिया के मुताबिक, चीन में ताइवान मामलों पर नजर रखने वाले ऑफिस ने कहा कि वो भूकंप से हुए नुकसान से फिक्रमंद हैं. चीन ताइवान में मदद भेजने को तैयार है. बता दें कि चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है. जबकि ताइवान खुद को संप्रभु राष्ट्र मानता है.
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