
अब जल्द ही आपके घर दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क का इंटरनेट आने वाला है. दरअसल भारती एयरटेल ने भारत के अंदर स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए मस्क की कंपनी SpaceX से हाथ मिलाया है. अब आपके मन में सवाल आ सकता है कि इसमें स्पेशल क्या है, हमारे घर में इंटरनेट पहले से आ तो रहा है?
आप बस हमें 5 मिनट दीजिए. आपको हम इस एक्सप्लेनर में बताएंगे कि
- एयरटेल और SpaceX के बीच क्या करार हुआ है?
- भारत में स्टारलिंक इंटरनेट कब आ रहा और कितना महंगा होगा?
- SpaceX की स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट अलग क्यों है?
- स्टारलिंक: स्पेस में तैरते छोटे डिब्बों से इंटरनेट की दुनिया कैसे बदल गई?
- Low Earth Orbit सैटेलाइट क्या होते हैं?
- स्टारलिंक कैसे दुनिया में पांव पसार रहा है?
Q- एयरटेल और SpaceX के बीच क्या करार हुआ है?
एयरटेल ने भारत में अपने कस्टमर्स के लिए स्टारलिंक की हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं लाने के लिए एलन मस्क की एयरोस्पेस कंपनी SpaceX के साथ एक समझौते की घोषणा की. स्टारलिंक SpaceX की ही सब्सिडरी कंपनी है जो सैटेलाइट इंटरनेट प्रोवाइड करती है. यह पहली बार है जब SpaceX ने सैटेलाइट इंटरनेट के लिए किसी भारतीय कंपनी से करार किया है.
Q- भारत में स्टारलिंक इंटरनेट कब आ रहा और कितना महंगा होगा?
एयरटेल ने यह साफ बताया है कि स्टारलिंक के जरिए हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं तभी शुरू की जाएंगी जब स्टारलिंक को भारत में ऑपरेट करने के लिए भारत सरकार से अनुमति मिल जाएगी. स्टारलिंक को केंद्रीय गृह मंत्रालय की अनुमति लेनी होगी और भारतीय कस्टमर्स को सेवाएं देने से पहले स्पेक्ट्रम भी खरीदना होगा. कंपनी प्राइवेसी का हवाला देते हुए सरकार को अपने कस्टमर्स का डेटा शेयर करने से इंकार करती है. जबकि भारत सरकार सुरक्षा कारणों से इसे जरूरी बताती है.
अब सवाल की स्टारलिंक का इंटरनेट भारत में कितना महंगा होगा? अभी इसको लेकर न स्टारलिंक की तरफ से कुछ बताया गया है, न एयरटेल की तरफ से पत्ते खोले गए हैं. हालांकि स्टारलिंक अमेरिका में इंटरनेट के लिए कितना चार्ज करता है, उससे कुछ अंदाजा लिया जा सकता है.
Q- SpaceX की स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट अलग क्यों है?
भारत में हम और आप जिस इंटरनेट का प्रयोग करते हैं वो वायरलेस सेलुलर टाइप इंटरनेट होता है या फिर ब्रॉडबैंड टाइप. इसमें केबल या फिर मोबाइल टावर का प्रयोग होता है और इसकी मदद से ही इंटरनेट स्पेक्ट्रम आपके सिस्टम (लैपी, मोबाइल..) तक पहुंचता है. स्टारलिंक जिस सैटेलाइट इंटरनेट का प्रयोग करता है, उसकी तकनीक इससे एकदम अलग है.
इसे आगे और समझाते हैं.
Q- स्टारलिंक: स्पेस में तैरते छोटे डिब्बों से इंटरनेट की दुनिया कैसे बदल गई?
स्टारलिंक अकेली ऐसी कंपनी नहीं है जो सैटेलाइट इंटरनेट प्रोवाइड करती है. इसके बावजूद स्टारलिंक का दावा है कि वो सबसे अच्छी सैटेलाइट इंटरनेट प्रोवाइड करने वाली कंपनी है. क्यो? यह जानने के लिए हम स्टारलिंक की वेबसाइट पर गए.
कंपनी के अनुसार सैटेलाइट इंटरनेट सेवा देने वाली अधिकतर कंपनी एक ही जियोस्टेशनरी सैटेलाइट (जो धरती के रेलेटिव स्थिर है) की मदद से इंटरनेट देती है. यह सेटेलाइट 35,786 किमी पर हाई अर्थ ऑर्बिट में धरती का चक्कर लगाते हैं. इससे होता क्या है कि आपके फोन से डेटा निकलकर सैटेलाइट तक जाने और वापस दूसरे सिस्टम तक आने में जो राउंड ट्रिप डेटा समय लगता है, वो बहुत ज्यादा होता है.

जबकि स्टारलिंक ने 7000 सैटेलाइट के एक समूह को पृथ्वी के बहुत करीब, लो अर्थ आर्बिट (लगभग 550 किमी की दूरी पर) में स्थापित किया है. इसी दूरी पर वह धरती का चक्कर लगा रहे हैं और पूरे विश्व को इंटरनेट के मामले में कवर करते हैं. चूंकि स्टारलिंक के सेटेलाइट लो आर्बिट (निचली कक्षा) में हैं, यहां इंटरनेट स्पीड बहुत तेज होता है.
Q- Low Earth Orbit सैटेलाइट क्या होते हैं?
आपको लगे हाथ यह भी बता देते हैं कि लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) क्या होता है जिसमें स्टारलिंक के 7000 सैटेलाइट चक्कर काट रहे हैं. लो अर्थ ऑर्बिट धरती से 2,000 किमी या उससे कम की दूरी का कक्ष है यानी एक इमैजनरी रास्ता है जिसपर कोई सैटेलाइट चक्कर काटता है. इस कक्ष में जो सैटेलाइट होते हैं वो धरती के बहुत करीब होते हैं और इससे जो इंटरनेट प्रोवाइड की जाती है, उसमें लेटेंसी यानी देरी बहुत कम होती है.
Q- स्टारलिंक कैसे दुनिया में पांव पसार रहा है?
स्टारलिंक के अवेलेबिलिटी मैप के अनुसार, SpaceX की स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा अब 100 से अधिक देशों में शुरू हो गई है. हालांकि कंपनी ने दिसंबर 2024 में बताया था कि 72 देशों में इसकी सेवा चालू है. इसके लगभग 50 लाख यूजर हैं.

मैप से पता चलता है कि स्टारलिंक अमेरिका, यूरोप, दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया के अधिकांश हिस्सों में उपलब्ध है. भारत समेत कई देशों और क्षेत्रों में से अनुमति और क्षमता की कमी के कारण यह अभी वेटिंग लिस्ट में है.
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