कोलंबो:
श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने देश की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश शीरानी बंडारनायके को बर्खास्त कर दिया है। न्यायमूर्ति बंडारनायके की बर्खास्तगी के पहले राजपक्षे ने संसद द्वारा उनके खिलाफ चलाए गए महाभियोग को मंजूर कर लिया।
वकीलों और अन्य लोगों के व्यापक विरोध के बावजूद चलाए गए महाभियोग में बंडारनायके को भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया था। 54-वर्षीय बंडारनायके को पद छोड़ने के लिए नोटिस भेज दिया गया है। दो दिन पहले ही संसद ने उन पर महाभियोग चलाने के पक्ष में मतदान किया था, जिसके बाद न्यायपालिका और सरकार के बीच मतभेद गहरे हो गए थे।
अधिकारियों को स्थानीय मीडिया ने यह कहते हुए उद्धृत किया है "प्रधान न्यायाधीश को यह बताने के लिए नोटिस भेज दिया गया है कि उन्हें पद से हटाया जा रहा है।"
इससे पहले, अदालतों ने बंडारनायके के खिलाफ महाभियोग चलाए जाने को असंवैधानिक बताया था और उन्हें दोषी ठहराने वाली संसदीय समिति की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। विभिन्न अधिकार समूहों, नागरिकों, वकीलों आदि ने सरकार से प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग नहीं चलाने के लिए कहा था।
वकीलों और अन्य लोगों के व्यापक विरोध के बावजूद चलाए गए महाभियोग में बंडारनायके को भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया था। 54-वर्षीय बंडारनायके को पद छोड़ने के लिए नोटिस भेज दिया गया है। दो दिन पहले ही संसद ने उन पर महाभियोग चलाने के पक्ष में मतदान किया था, जिसके बाद न्यायपालिका और सरकार के बीच मतभेद गहरे हो गए थे।
अधिकारियों को स्थानीय मीडिया ने यह कहते हुए उद्धृत किया है "प्रधान न्यायाधीश को यह बताने के लिए नोटिस भेज दिया गया है कि उन्हें पद से हटाया जा रहा है।"
इससे पहले, अदालतों ने बंडारनायके के खिलाफ महाभियोग चलाए जाने को असंवैधानिक बताया था और उन्हें दोषी ठहराने वाली संसदीय समिति की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। विभिन्न अधिकार समूहों, नागरिकों, वकीलों आदि ने सरकार से प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग नहीं चलाने के लिए कहा था।
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