प्रतीकात्मक तस्वीर
जोहानिसबर्ग:
दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल के 87 वर्षीय रंगभेद विरोधी कार्यकर्ता अहमद कठराडा की हालत ऑपरेशन के बाद गंभीर बनी हुई है. उनके फाउंडेशन ने उन खबरों को ''फर्जी'' बताया जिनमें कठराडा के निधन की बात कही जा रही थी. कठराडा के मस्तिष्क में रक्त के थक्के जमने के बाद उनका ऑपरेशन किया गया.
अहमद कठराडा फाउंडेशन के निदेशक निशान बाल्टन ने कहा, ''हम इन अफवाहों की निंदा करते हैं और लोगों से उन फर्जी खबरों को सोशल मीडिया पर दोबारा डालने या फैलाने से बचने का अनुरोध करते हैं जिनका सत्यापन नहीं किया जा सकता.'' उन्होंने देश भर में प्रार्थनाएं करने के लिए लोगों का आभार जताते हुए कहा कि कठराडा के स्वास्थ्य की लगातार जानकारी दी जाएगी.
कठराडा दिवंगत नेता नेल्सन मंडेला को अपना ''बड़ा भाई'' कहते हैं और उन तीन बचे हुए जीवित राजनीतिक कैदियों में शामिल हैं जिन्हें उम्र कैद की सजा काटने के लिए मंडेला के साथ रॉबन आइलैंड भेज दिया गया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अहमद कठराडा फाउंडेशन के निदेशक निशान बाल्टन ने कहा, ''हम इन अफवाहों की निंदा करते हैं और लोगों से उन फर्जी खबरों को सोशल मीडिया पर दोबारा डालने या फैलाने से बचने का अनुरोध करते हैं जिनका सत्यापन नहीं किया जा सकता.'' उन्होंने देश भर में प्रार्थनाएं करने के लिए लोगों का आभार जताते हुए कहा कि कठराडा के स्वास्थ्य की लगातार जानकारी दी जाएगी.
कठराडा दिवंगत नेता नेल्सन मंडेला को अपना ''बड़ा भाई'' कहते हैं और उन तीन बचे हुए जीवित राजनीतिक कैदियों में शामिल हैं जिन्हें उम्र कैद की सजा काटने के लिए मंडेला के साथ रॉबन आइलैंड भेज दिया गया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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