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ऑनलाइन फ्रॉड वालों की अब खैर नहीं, बैंक एआई से करेंगे 'म्यूल अकाउंट्स' का पता

सूत्रों के मुताबिक- आरबीआई जल्दी ही सभी बैंकों के लिए इसके दिशानिर्देश जारी करेगा. नए लाइसेंस और पुराने लाइसेंस के रिन्यूअल के लिए एआई बेस्ड चेकिंग अनिवार्य होगी.

ऑनलाइन फ्रॉड वालों की अब खैर नहीं, बैंक एआई से करेंगे 'म्यूल अकाउंट्स' का पता

सरकार ऑनलाइन फ्रॉड रोकने के लिए जल्द ही बड़ी पहल शुरू करने जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक- जल्दी ही बैंक म्यूल खातों की पहचान के लिए एआई की मदद लेंगे. यानी एआई के जरिए ये पता लगाया जाएगा कि कौन सा खाता नॉर्मल है और कौन सा म्यूल अकाउंट है. हर खातों की एआई से जांच करना बैंक के लिए अनिवार्य होगा.

बैंक के लिए जांच करना होगा अनिवार्य

आरबीआई जल्दी ही सभी बैंकों के लिए इसके दिशानिर्देश जारी करेगा. नए लाइसेंस और पुराने लाइसेंस के रिन्यूअल के लिए एआई बेस्ड चेकिंग अनिवार्य होगी. इसका पायलट प्रोजेक्ट का टेस्ट एक बैंक में हो चुका है. इसमें 13 लाख म्यूल अकाउंट्स की पहचान की गई है. सबसे बड़ी बात ये है कि एआई प्रोजेक्ट भारत में ही बनाया गया है, जिसे तैयार करने में युवाओं ने बड़ी भूमिका निभाई है.

क्या होते हैं म्यूल अकाउंट्स

म्यूल अकाउंट्स की बात करें तो ये वो खाते होते हैं जिनका इस्तेमाल साइबर ठग करते हैं. दरअसल ठग  फ़्रॉड की राशि को अपने खाते में नहीं लेते हैं, इसके लिए वो दूसरे खातों का इस्तेमाल करते हैं, जिसके लिए उस संबंधित अकाउंट होल्डर को कुछ पैसे कमीशन के तौर पर दिए जाते हैं. 

युवाओं को फंसा रहे अपने जाल में

हालांकि आरबीआई ने कहा है कि अपने खातों में इस तरह के पैसे लेना, अपराधिक मामला है, जिसके लिए जेल तक हो सकती है. आंकड़ों के अनुसार इस तरह के मामले में साइबर ठग युवाओं को ज्यादा से निशाना बना रहे हैं. कमीशन के चक्कर में युवा जल्द ही फंस जाते हैं.

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