लंदन:
उत्तरी ब्रिटेन के शहर ब्रेडफोर्ड में सिख समुदाय के लोगों ने एक प्रमुख गुरुद्वारे के समीप बनने जा रहे हलाल मांस प्रसंस्करण संयंत्र का कड़ा विरोध किया है।
शहर के प्रमुख मांस रिटेलर पाकीजा की योजना एक कार मरम्मत केंद्र के स्थान पर एक अत्याधुनिक थोक मांस प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने की है।
समाचार पत्र 'द टेलीग्राफ' के अनुसार यह स्थान गुरु गोबिंद सिंह गुरुद्वारे के काफी समीप है। स्थानीय सिख समुदाय इसका काफी विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि मांस की गंध पूरे गुरुद्वारे में फैलेगी।
ब्रेडफोर्ड गुरुद्वारा बोर्ड के सचिव कुलदीप भरज ने कहा, "हमारे काफी अधिक लोग पक्के शाकाहारी हैं। मांस प्रसंस्करण संयंत्र का प्रस्तावित स्थल मंदिर के इतना अधिक समीप है कि यह पूरी तरह अपमानजनक और असंवेदनशील है।"
उन्होंने कहा कि सिख हलाल मांस नहीं खाते लेकिन इसके बावजूद वह इससे नफरत नहीं करते। क्योंकि वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।
भरज ने कहा कि मांस की महक उन लोगों के लिए काफी असुविधाजनक होगी जो शाकाहारी हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि इस बात की भी आशंका है कि वहां गाय के मांस का भी प्रसंस्करण किया जाएगा। गाय सिखों और हिंदुओं के लिए पवित्र है।
इस संयंत्र की मंजूरी के लिए स्थानीय योजना समिति के सामने 13 अगस्त को पेश किया जाएगा।
बहरहाल पाकीजा के निदेशक तारिक हक ने कहा कि वह ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे सिख समुदाय को चोट पहुंचे। पिछले 40 वर्षों से कंपनी ने कभी भी गाय के मांस का व्यापार नहीं किया है।
शहर के प्रमुख मांस रिटेलर पाकीजा की योजना एक कार मरम्मत केंद्र के स्थान पर एक अत्याधुनिक थोक मांस प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने की है।
समाचार पत्र 'द टेलीग्राफ' के अनुसार यह स्थान गुरु गोबिंद सिंह गुरुद्वारे के काफी समीप है। स्थानीय सिख समुदाय इसका काफी विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि मांस की गंध पूरे गुरुद्वारे में फैलेगी।
ब्रेडफोर्ड गुरुद्वारा बोर्ड के सचिव कुलदीप भरज ने कहा, "हमारे काफी अधिक लोग पक्के शाकाहारी हैं। मांस प्रसंस्करण संयंत्र का प्रस्तावित स्थल मंदिर के इतना अधिक समीप है कि यह पूरी तरह अपमानजनक और असंवेदनशील है।"
उन्होंने कहा कि सिख हलाल मांस नहीं खाते लेकिन इसके बावजूद वह इससे नफरत नहीं करते। क्योंकि वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।
भरज ने कहा कि मांस की महक उन लोगों के लिए काफी असुविधाजनक होगी जो शाकाहारी हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि इस बात की भी आशंका है कि वहां गाय के मांस का भी प्रसंस्करण किया जाएगा। गाय सिखों और हिंदुओं के लिए पवित्र है।
इस संयंत्र की मंजूरी के लिए स्थानीय योजना समिति के सामने 13 अगस्त को पेश किया जाएगा।
बहरहाल पाकीजा के निदेशक तारिक हक ने कहा कि वह ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे सिख समुदाय को चोट पहुंचे। पिछले 40 वर्षों से कंपनी ने कभी भी गाय के मांस का व्यापार नहीं किया है।
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