संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर जलवायु परिवर्तन का वर्तमान रुझान लगातार बिना रुकावट के जारी रहा तो समुद्र का स्तर एक मीटर तक बढ़ सकता है. इस वजह से लाखों लोगों को 2100 तक पलायन करने को मजबूर होना पड़ सकता है. समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी समिति के कड़े निष्कर्ष में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित नहीं किया गया तो समुद्र के जलस्तर में 30 से 60 सेमी के बीच में बढ़ोतरी होगी और वैश्विक तापमान पूर्व औद्योगिक स्तर से दो डिग्री सेल्सियस ऊपर हो जाएगा.
हालांकि, वैश्विक तापमान से निपटने में विफल रहने पर समुद्र स्तर 110 सेमी तक बढ़ सकता है.
इस विश्लेषण को यूएन समर्थित समिति ने पेश किया है, जिसे मोनाको में प्रस्तुत किया गया. इसमें कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन ने समुद्र का तापमान बढ़ाया है और उसे ज्यादा अम्लीय व कम उर्वर बनाया है. इसका मतलब है कि मौसम संबंधी घटनाएं जैसे तूफान व अल नीनो ज्यादा गंभीर हो गए हैं और बार-बार आने लगे हैं.
इस रिपोर्ट पर 36 देशों के 100 से ज्यादा लेखकों ने शोध किया है और 7000 से ज्यादा वैज्ञानिक प्रकाशन इसके स्रोत है. समुद्र व क्रायोस्फीयर (धरती का वह हिस्सा जहां बर्फ होती है) के दायरे में बदलाव को लेकर काफी व्यापक है.
आईपीसीसी के वाइस चेयर को बैरेट ने कहा, "दुनिया का सागर व क्रायोस्फीयर दशकों से जलवायु परिवर्तन से गर्म हो रहा है और इसका मानव व प्रकृति पर गंभीर असर होगा."
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं