प्रिंस खालिद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज को नया राजदूत नियुक्त किया गया है.(फाइल फोटो)
रियाद:
सऊदी अरब के शाह सलमान के वायु सेना पायलट बेटे को अमेरिका में देश का राजदूत नियुक्त किया गया है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में वाशिंगटन और रियाद के संबंधों में सुधार हो रहा है. कूटनीतिक मोर्चे पर यह फेरबदल कल हुआ जब सऊदी अरब के शाह सलमान ने एक के बाद एक कई आदेश जारी किये. उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल किया और सेना प्रमुख की जगह नई नियुक्ति की. समीपवर्ती यमन में सऊदी अरब की सेना दो बरस से विद्रोहियों से लड़ रही है.
आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी ने एक शाही आदेश का हवाला देते हुए बताया ‘‘युवराज अब्दुल्ला बिन फैसल बिन तुर्की को अमेरिकी राजदूत के पद से हटा दिया गया है. युवराज खालिद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज को नया राजदूत नियुक्त किया गया है.’’ वाशिंगटन में सऊदी दूतावास की एक वेबसाइट में बताया गया है कि युवराज अब्दुल्ला ने अमेरिकी राजदूत के पद पर करीब एक साल तक अपनी सेवाएं दीं.
दोनों देशों के बीच रिश्ते करीब एक दशक से हैं लेकिन पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान इन रिश्तों में ठहराव आया था क्योंकि सऊदी नेताओं को लगता था कि ओबामा सीरिया में जारी गृह युद्ध में शामिल होना नहीं चाहते बल्कि उनका ध्यान रियाद के क्षेत्रीय प्रतिद्वन्द्वी ईरान की ओर है.
जनवरी में सत्ता में आए ट्रंप प्रशासन में सऊदी अरब को सकारात्मक संकेत महसूस हो रहे हैं. ट्रंप ने पश्चिम एशिया में ईरान के ''नुकसानदायक प्रभाव'' की आलोचना की है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी ने एक शाही आदेश का हवाला देते हुए बताया ‘‘युवराज अब्दुल्ला बिन फैसल बिन तुर्की को अमेरिकी राजदूत के पद से हटा दिया गया है. युवराज खालिद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज को नया राजदूत नियुक्त किया गया है.’’ वाशिंगटन में सऊदी दूतावास की एक वेबसाइट में बताया गया है कि युवराज अब्दुल्ला ने अमेरिकी राजदूत के पद पर करीब एक साल तक अपनी सेवाएं दीं.
दोनों देशों के बीच रिश्ते करीब एक दशक से हैं लेकिन पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान इन रिश्तों में ठहराव आया था क्योंकि सऊदी नेताओं को लगता था कि ओबामा सीरिया में जारी गृह युद्ध में शामिल होना नहीं चाहते बल्कि उनका ध्यान रियाद के क्षेत्रीय प्रतिद्वन्द्वी ईरान की ओर है.
जनवरी में सत्ता में आए ट्रंप प्रशासन में सऊदी अरब को सकारात्मक संकेत महसूस हो रहे हैं. ट्रंप ने पश्चिम एशिया में ईरान के ''नुकसानदायक प्रभाव'' की आलोचना की है.
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