Ukraine War: रूसी विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन के दोनेत्सक में हमले को लेकर बयान जारी किया है. जिसमें कहा, "14 मार्च को यूक्रेन की सेना ने दोनेत्सक में एक आवासीय इलाके के आसपास टोचका-यू सामरिक मिसाइल से अटैक किया. इस हमले में 20 लोगों की मौत हुई है और 28 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऐलान किया कि रूस के खिलाफ यूक्रेन को हथियार दिए जाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि यूक्रेन में मानवीय सहायता भेजी जाएगी और शरणार्थियों को अमेरिका में पनाह दी जाएगी. जो बाइडेन ने कहा, "हम सुनिश्चित करेंगे कि यूक्रेन के पास अपने बचाव के लिए हथियार हों. हम यूक्रेनी लोगों की जान बचाने के लिए पैसा, भोजन और सहायता भेजेंगे और हम यूक्रेन के शरणार्थियों का भी खुले दिल से स्वागत करेंगे."
यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने सोमवार देर रात संसद में एक विधेयक पेश किया, जिसमें 24 मार्च से अगले 30 दिनों के लिए मार्शल लॉ का विस्तार करने का प्रयास किया गया है. यूक्रेन में युद्ध 24 फरवरी को शुरू हुआ. जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने "विशेष सैन्य अभियान" शुरू किया, जो दूसरे विश्व युद्ध के बाद से एक यूरोपीय राज्य पर सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है.
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा कि रूस यूक्रेन में रासायनिक या जैविक हथियारों के इस्तेमाल की योजना बना सकता है. इसे खुफिया अपडेट भी कहा जा रहा है. अमेरिकी अधिकारियों ने भी इसी तरह के बयान दिए हैं. यूक्रेन ने इस तरह के हमले की आशंका जताते हुए रूस को सावधान किया है कि अगर उसने ऐसा किया तो उसे यकीनन और कड़े प्रतिबंध का सामना करना पड़ेगा.
अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि रूस और चीन के बीच "गठबंधन" के बारे में संयुक्त राज्य अमेरिका को "गहरी चिंता" है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुख्य राजनयिक यांग जिची ने रोम के एक होटल में मुलाकात की थी. जिसे व्हाइट हाउस ने "पर्याप्त चर्चा" के रूप में वर्णित किया.
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के अनुसार पश्चिमी देशों के अभूतपूर्व प्रतिबंधों का रूस की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव होगा. नतीजतन मॉस्को को ‘‘गहरी मंदी'' का सामना करना पड़ सकता है. आपको बता दें कि यूक्रेन के खिलाफ सैन्य आक्रामकता के कारण अमेरिका और यूरोप सहित कई देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं.
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को लेकर इंटरनेशनल कोर्ट 16 मार्च को फैसला सुनाएगा. रूस ने यूक्रेन के लगाए गए नरसंहार के आरोपों को गलत ठहराया. 24 फरवरी को रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के तुरंत बाद कीव ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में युद्ध समाप्त करने की गुहार लगाई थी.
भारत ने सोमवार को यूक्रेन और रूस के बीच शत्रुता पर विराम के लिए दोनों देशों के बीच सीधे संपर्क एवं वार्ता का आह्वान करते हुए कहा कि वह इन दोनों देशों के संपर्क में रहा है और बना रहेगा. भारत ने कहा, ‘‘भारत लगातार यूक्रेन में सभी शत्रुताएं तत्काल खत्म करने का आह्वान करता रहा है. हमारे प्रधानमंत्री ने तत्काल संघर्षविराम का बार-बार आह्वान किया है तथा वार्ता एवं कूटनीति के सिवा और कोई अन्य मार्ग नहीं है.''
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने सोमवार को कहा कि वह यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए मध्यस्थता के प्रयासों को लेकर भारत समेत कई अन्य देशों के साथ संपर्क बनाए हुए हैं. गुतारेस ने यूक्रेन के बिगड़ते हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि यह यूक्रेन के लोगों पर जारी अत्याचार को रोकने और कूटनीति और शांति के रास्ते पर चलने का समय है.
चीन ने सोमवार को अमेरिका के उस आरोप को दुर्भावनापूर्ण करार दिया, जिसमें यह दावा किया गया है कि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ जारी सैन्य अभियान में चीन से सहयोग मांगा है. साथ ही चीन ने अमेरिका पर यूक्रेन के मुद्दे को लेकर उसके खिलाफ गलत सूचनाएं फैलाने का आरोप भी लगाया. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि बीजिंग शांतिवार्ता को बढ़ावा देने के लिए अहम भूमिका निभा रहा है.
यूक्रेन में जारी जंग के बीच रूस ने चीन से सैन्य और आर्थिक मदद दोनों का अनुरोध किया है. यूक्रेन से जारी युद्ध के बीच पहले, यह बताया गया था कि रूस ने चीन से ड्रोन सहित सैन्य सहायता मांगी. यूक्रेन पर 24 फरवरी के आक्रमण के बाद से चीन से सैन्य उपकरण मांगे हैं. हालांकि, वॉशिंगटन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.