यूक्रेन पर रूस के हमले से पहले, अमेरिकी खुफिया विभाग ने भविष्यवाणी की थी कि रूस एक बड़ा हमला कर सकता है ताकि उसकी विशाल हवाई ताकत तेजी से एकजुट हो सके और यूक्रेन के हवाई क्षेत्र पर हावी हो जाए. हालांकि, पिछले 6 दिनों ने इन आशंकाओं पर पानी फेर दिया है. इसके बजाये रूस को अपनी हवाई ताकत का इस्तेमाल कहीं अधिक संभल-संभल कर करते देखा गया. संभवत: इतना अधिक कि अमेरिकी अधिकारी भी नहीं समझ पा रहे हैं कि रूस जोखिम के समय इस तरह का रवैया क्यों अपना रहा है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी रक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "ऐसा लग रहा है कि वे (रूस) अपने खुद के विमानों और अपने पायलटों के साथ ज्यादा जोखिम लेने के लिए तैयार नहीं हैं."
यूक्रेन की वायुसेना रूस की हवाई ताकत की तुलना में काफी हद तक पीछे है. इसके बावजूद यूक्रेन की वायुसेना अब भी उड़ान भर रही है और इसकी एयर डिफेंस क्षमता अब भी व्यवहार्य दिखाई पड़ी रही है- यह तथ्य सैन्य विशेषज्ञों को चकित कर रहा है.
24 फरवरी को युद्ध के ऐलान के बाद विशेषज्ञों को लग रहा था कि रूसी सेना यूक्रेन की वायुसेना और एयर डिफेंस सिस्टम को तुरंत नष्ट करने की कोशिश करेगी.
थिंक-टैंक RUSI ने 'द मिस्टीरियस केस ऑफ द मिसिंग रशियन एयर फोर्स' नाम के एक लेख में लिखा, "यह तार्किक और व्यापक रूप से प्रत्याशित अगला कदम होगा, जैसा कि 1938 के बाद से करीब-करीब हम युद्ध में देखा गया."
इसके बजाये, यूक्रेनी वायु सेना के लड़ाकू विमान लो-लेवल पर उड़ान भर रहे हैं, रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं और जमीन पर भी हमले कर रहे हैं. रूस अब भी सीमित हवाई क्षेत्र से उड़ान भर रहा है.
माना जा रहा है कि जमीन से हवा में मार करने वाले रॉकेट के सहारे यूक्रेनी सैनिक रूसी विमानों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं और जमीन पर लड़ रहे रूसी सैनिकों की मदद करने की कोशिश कर रहे रूसी पायलटों के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं.
फॉरेन पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट में रशियन मिलेट्री स्पेशिलिस्ट रॉब ली ने कहा, "वे बहुत सी चीजें कर रहे हैं जो हैरान करने वाली हैं." उन्होंने सोचा था कि युद्ध की शुरुआत में "फोर्स का अधिकतम उपयोग" होगा. उन्होंने कहा, "क्योंकि जैसे-जैसे युद्ध आगे बढ़ता है लागत और जोखिम दोनों ऊपर जाता है. अगर वे ऐसा नहीं कर रहे हैं तो इसके पीछे के वास्तविक कारण की व्याख्या करना वास्तव में कठिन है."
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