रूस (Russia) ने भारत (India) को तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) की कम-से-कम पांच खेपों की आपूर्ति में चूक की है. यूक्रेन युद्ध (Ukraine War) के बाद रूस पर यूरोप और पश्चिमी देशों ने सख्त प्रतिबंध लगाए थे. इसके जवाब में रूस ने भी गैस सप्लाई करने वाली यूरोप (Europe) की कंपनियों पर जवाबी प्रतिबंध लगाए थे. इसके कारण रूस की तरफ से भारत को तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) की कम-से-कम पांच खेपों की आपूर्ति में चूक हुई है. भारत की सबसे बड़ी गैस कंपनी गेल (Gail) इंडिया लिमिटेड ने रूसी गैस उत्पादक कंपनी गैजप्रॉम की सिंगापुर स्थित इकाई से प्रतिवर्ष 28.5 लाख टन एलएनजी का आयात करने के लिए एक दीर्घकालिक सौदा किया है. जून से अबतक गैजप्रॉम इस अनुबंध के तहत LNG की पांच खेपों की आपूर्ति कर पाने में चूक कर गई है. इसके लिए गैजप्रॉम ने प्रतिबंधों की वजह से गैस जुटाने में हो रही दिक्कतों का हवाला दिया है. दो सूत्रों ने इस मामले की जानकारी दी.
हालांकि, अनुबंध की शर्तों में इसका उल्लेख है कि आपूर्ति न की जा सकी मात्रा को बाद में भेजा जाएगा. लेकिन रूसी गैस कंपनी ने अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है कि इन पांच खेपों की गैस कब और किस तरह समायोजित की जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक, गैजप्रॉम ने गेल से कहा है कि अब से वह एलएनजी आपूर्ति की बेहतरीन कोशिश करेगी.
इस बीच, गेल ने अमेरिका एवं पश्चिम एशिया में अन्य स्रोतों से गैस आपूर्ति के विकल्पों की तलाश शुरू कर दी है.
रूस ने पिछले कुछ महीनों में 31 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं. इनमें रूसी गैस को यूरोप ले जाने वाली यमल पाइपलाइन के पोलैंड वाले हिस्से के अलावा गैजप्रॉम की जर्मनी की पूर्व इकाई भी शामिल है. इन प्रतिबंधों का मकसद स्वीकृत संस्थाओं को रूसी गैस की आपूर्ति में कटौती करना था.
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