प्रचंड की फाइल तस्वीर
काठमांडू:
माओवादी प्रमुख प्रचंड ने कहा है कि अगर नेपाल के बड़े दलों के बीच सहमति बनती है, तो वह प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार हैं। साथ ही उन्होंने 'सत्ता के भूखे' होने के आरोपों से इनकार किया है।
डोलखा जिले के मुख्यालय चारीकोट में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी-सेंटर) के चौथे जिला सम्मेलन में उन्होंने कहा, 'हर कोई आरोप लगाता है कि प्रचंड सत्ता का भूखा है। लेकिन यही प्रचंड है जिसने विद्या देवी भंडारी को राष्ट्रपति पद और केपी ओली को प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन किया।'
प्रचंड ने कहा कि वह नेतृत्व स्वीकार करेंगे अगर नेपाली कांग्रेस और मधेशी दलों को साथ लेकर राष्ट्रीय सरकार का गठन होता है। उन्होंने कहा, 'अगर मैं प्रधानमंत्री बनता हूं तो भूकंप पीड़ितों को दी गई तीन लाख नेपाली रुपये की ऋण को राहत राशि में तब्दील करूंगा।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
डोलखा जिले के मुख्यालय चारीकोट में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी-सेंटर) के चौथे जिला सम्मेलन में उन्होंने कहा, 'हर कोई आरोप लगाता है कि प्रचंड सत्ता का भूखा है। लेकिन यही प्रचंड है जिसने विद्या देवी भंडारी को राष्ट्रपति पद और केपी ओली को प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन किया।'
प्रचंड ने कहा कि वह नेतृत्व स्वीकार करेंगे अगर नेपाली कांग्रेस और मधेशी दलों को साथ लेकर राष्ट्रीय सरकार का गठन होता है। उन्होंने कहा, 'अगर मैं प्रधानमंत्री बनता हूं तो भूकंप पीड़ितों को दी गई तीन लाख नेपाली रुपये की ऋण को राहत राशि में तब्दील करूंगा।'
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