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जर्मनी का पंपकिन फेस्टिवल... एक-एक कद्दू में जिंदा होती दुनिया की ताकतवर महिलाएं 

इस फेस्टिवल की शुरुआत साल 2004 में हुई थी और उस समय तक जर्मनी में धीरे-धीरे लोग अमेरिकी परंपरा हैलोवीन को अपनाने लगे थे. पहले साल फेस्टिवल की थीम थी कि कद्दू यूरोप कैसे आया और यह एक बेस्‍ट थीम थी क्‍योंकि कद्दू अमेरिका से यूरोप आया.

जर्मनी का पंपकिन फेस्टिवल... एक-एक कद्दू में जिंदा होती दुनिया की ताकतवर महिलाएं 
  • जर्मनी के बर्लिन में 22 वर्षों से पंपकिन फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है जो बहुत लोकप्रिय है.
  • इस फेस्टिवल में दुनिया भर से 500 से अधिक विभिन्न किस्मों के 100,000 से ज्यादा कद्दू प्रदर्शित किए जाते हैं.
  • इस साल की फेस्टिवल थीम 'महिला सशक्तिकरण' है और 15 विशालकाय कद्दू मूर्तियां महिलाओं के सम्मान में बनाई गई हैं.
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बर्लिन:

जर्मनी के बर्लिन में इन दिनों एक ऐसा पंपकिन फेस्टिवल चल रहा है जिसमें दुनिया की कुछ शक्तिशाली महिलाओं का जश्‍न मनाया जा रहा है.  बर्लिन के करीब क्लेस्टो फार्म में पंपकिन यानी कद्दू फेस्टिवल का स्‍टार बन गया है. पूरे फार्म में और उसके अलग-अलग घुमावदार रास्तों पर बनीं शेल्फ पर अलग-अलग आकार और रंगों के 100,000 से ज्‍यादा कद्दू रखे हुए हैं. इन कद्दुओं में दुनिया भर से आईं 500 अलग-अलग वैरायटीज हैं और हर एक पर उसका नाम और ओरिजिन लिखा है. 

22 सालों से हो रहा आयोजन 

बर्लिन से करीब 56 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित इस फार्म पर पंपकिन फेस्टिवल का आयोजन पिछले 22 सालों से हो रहा है. यह फेस्टिवल इतना ज्‍यादा पॉपुलर है कि वीकएंड में यहां 12,000 तक और सामान्य दिनों में 5,000 से ज्‍यादा विजिटर्स आते हैं. इस साल महोत्सव की थीम को और खास बनाया गया है. यहां 15 विशालकाय कद्दू की मूर्तियां लगी हैं और साथ ही कद्दू से बने मीठे और नमकीन व्यंजन विजिटर्स को परोसे जा रहे हैं.  यहां प्रदर्शित कद्दू न सिर्फ फार्म के अपने खेतों से आते हैं, बल्कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से भी मंगवाए जाते हैं. 

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इस बार महिलाओं का जश्‍न

एंटजे विंकेलमैन, जो फैमिली फार्म को चला रही हैं, उन्‍होंने बताया कि पिछले 21 सालों में फेस्टिवल का आयोजन अलग-अलग थीम पर हो रहा है. इस साल इसकी थीम वीमेन एंपावरमेंट के बारे में है. विंकेलमैन ने कहा, 'हमारे पास स्पोर्ट्स थे, हमारे पास पुराना रोम था, हमारे पास आल्प्स और पहाड़ और सितारों और ग्रहों की दुनिया थी. अब सच में ऐसा लगा कि महिलाओं पर इस फेस्टिवल की थीम तैयार करने का समय आ गया है.'

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किन-किन का हुआ सेलेक्‍शन 

विंकलमैन ने इसके बाद मशहूर महिलाओं की लिस्‍ट को ध्‍यान से स्‍टडी किया और फिर कुछ को चुना. उनका सेलेक्‍शन इस आधार पर किया गया कि वो आसान हों और देखने में भी अट्रैक्टिव लगें. ये सभी रंग-बिरंगे कद्दू से तैयार की गई हैं. इस साल के विजेताओं में शामिल हैं:

मैक्सिकन आर्टिस्‍ट फ्रिडा काहलो 
फेवरिट फिक्‍शनल स्‍वीडिश बुक कैरेक्‍टर पिप्पी लोंगस्टॉकिंग
प्राचीन मिस्र की  क्लियोपेट्रा 

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क्‍या थी इसकी पहली थीम 

इस फेस्टिवल की शुरुआत साल 2004 में हुई थी और उस समय तक जर्मनी में धीरे-धीरे लोग अमेरिकी परंपरा हैलोवीन को अपनाने लगे थे. कुछ ही वर्षों में यह आम बात बन गई कि जर्मन लोग अपने यार्ड में कद्दू काटकर सजाते, बच्चे ट्रिक-ऑर-ट्रीटिंग करने जाते और युवा पार्टी में हैलोवीन कॉस्ट्यूम पहनकर जश्न मनाते. विंकेलमैन ने बताया कि पहले साल फेस्टिवल की थीम थी कि कद्दू यूरोप कैसे आया और यह एक बेस्‍ट थीम थी क्‍योंकि कद्दू अमेरिका से यूरोप आया. उन्‍होंने बताया कि क्रिस्टोफर कॉलंबस इसे अपने साथ लाए थे और हमने उस जहाज को फिर से बनाया जिस पर क्रिस्टोफर कॉलंबस ने यात्रा की थी और पूरी कहानी सुनाई.

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