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This Article is From Jul 09, 2023

राष्‍ट्रपति जेलेंस्की, युद्ध के 500वें दिन तुर्किये से यूक्रेन के पूर्व कमांडरों को स्‍वदेश लाए, रूस भड़का

राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की रूस से जारी जंग के बीच यूक्रेन के 5 पूर्व कमांडरों को तुर्किये से वापस स्‍वदेश लाए. तुर्किये के इस कदम से रूस भड़क गया है. रूस का कहना है कि इसके बारे में उसे सूचित नहीं किया गया.

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राष्‍ट्रपति जेलेंस्की, युद्ध के 500वें दिन तुर्किये से यूक्रेन के पूर्व कमांडरों को स्‍वदेश लाए, रूस भड़का
ज़ेलेंस्की ने कमांडरों की रिहाई में मदद करने के लिए तुर्किये के राष्‍ट्रपति एर्दोआन को धन्यवाद दिया
कीव:

राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की शनिवार को मारियुपोल में यूक्रेन के गैरीसन के पांच पूर्व कमांडरों को तुर्की से स्वदेश लाए. इस कदम से रूस भड़क गया है. दरअसल, यह एक बड़ी प्रतीकात्मक उपलब्धि है, जिसके बारे में रूस ने कहा कि इसने पिछले साल हुए कैदी विनिमय समझौते का उल्लंघन किया है. रूस ने यूक्रेन के कमांडरों की तुरंत रिहाई की निंदा की है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि अंकारा ने विनिमय समझौते के तहत लोगों को तुर्किये में रखने का वादा किया था, साथ ही शिकायत की कि इसके बारे में मॉस्को को सूचित नहीं किया गया था. 

रॉयटर की रिपोर्ट के मुताबिक, युद्ध के 500वें दिन के सम्मान में राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने स्नेक आइलैंड का भी दौरा किया, जो काला सागर का एक खास क्षेत्र है, जिसे रूसी सेना ने आक्रमण के बाद जब्त कर लिया था और बाद में उसे ये क्षेत्र छोड़ना पड़ा था.

जेलेंस्‍की जिन पांच कमांडरों को घर लेकर आए हैं, उन्‍हें यूक्रेन के शेर कहा जाता है. ये कमांडरों पिछले साल अज़ोवस्टल स्टील प्लांट से मारियुपोल में डटे रहे थे और पूरे तीन महीने तक रूसी सेना का सामना किया था. हालांकि, तीन महीने की जंग के बाद रूस ने इस शहर पर कब्‍जा कर लिया था. वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा, "हम तुर्किये से स्‍वदेश लौट रहे हैं और अपने नायकों को घर ला रहे हैं." 

मारियुपोल में हजारों नागरिक मारे गए जब युद्ध के पहले महीनों में रूसी सेना ने शहर को बर्बाद कर दिया. पिछले साल मई में कीव द्वारा आत्मसमर्पण करने का आदेश दिए जाने तक यूक्रेनी सैनिक अज़ोवस्टल संयंत्र के नीचे सुरंगों और बंकरों में छिपे रहे. मॉस्को ने सितंबर में अंकारा की मध्यस्थता में कैदियों की अदला-बदली में उनमें से कुछ को उन शर्तों के तहत मुक्त कर दिया था, जिनके तहत कमांडरों को युद्ध के अंत तक तुर्किये में रहना आवश्यक था. हालांकि, युद्ध के दौरान कमांडरों को छोड़ने से इस नियम का उल्‍लंघन हुआ है. 

पेसकोव ने रूस की आरआईए समाचार एजेंसी को बताया, "किसी ने हमें इसके बारे में सूचित नहीं किया. समझौतों के अनुसार, इन कमांडरों को युद्ध के अंत तक तुर्किये के क्षेत्र में रहना था." पेसकोव ने कहा कि यह रिहाई सैन्य गठबंधन के अगले सप्ताह के शिखर सम्मेलन से पहले तुर्की के नाटो सहयोगियों के भारी दबाव का परिणाम थी, जिसमें यूक्रेन को अपनी भविष्य की सदस्यता के बारे में सकारात्मक संकेत मिलने की उम्मीद है.

राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया कि कमांडरों को अब घर लौटने की अनुमति क्यों दी गई. तुर्किये की मीडिया द्वारा पूछे जाने पर उन्‍होंने सिर्फ इतना कहा- तुर्किये के राष्ट्रपति को धन्यवाद...!

इसके बाद पश्चिमी शहर ल्वीव में लोगों के साथ एक समारोह में राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कमांडरों की रिहाई में मदद करने के लिए तुर्किये के राष्‍ट्रपति एर्दोआन को धन्यवाद दिया और सभी शेष कैदियों को घर लाने का वादा किया. उन्होंने कहा कि युद्ध शुरू होने से पहले दुनिया में बहुत से लोग यह नहीं समझते थे कि हम क्या हैं? आप क्या हैं, हमसे क्या उम्मीद करें और हमारे नायक कौन हैं? लेकिन अब हर कोई समझता है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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