हिंसाग्रस्त मणिपुर में अब स्थिति धीरे-धीरे सुधरने लगी है. केंद्र और राज्य की सरकार मिलकर जिंदगी को वापस पटरी पर लाने में जुटी हुई है. स्कूलों को आंशिक रूप से फिर से खोलने के बाद, किसानों को खेतों में वापस लाने और कृषि गतिविधियों को पटरी पर लाने की कोशिश सामान्य स्थिति की दिशा में दूसरा कदम है.
मणिपुर सरकार कृषि गतिविधियों में लगे किसानों को सुरक्षा प्रदान करेगी. इसके लिए राज्य ने हाल ही में वीआईपी ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा कर्मियों की संख्या कम कर दी है. उनका उपयोग किसानों को सुरक्षा प्रदान करने में किया जाएगा.
राज्य पुलिस ने किसानों के लिए एक दिशानिर्देश जारी किया है, ताकि राज्य में खेती को फिर से शुरू करते समय दो समुदायों के बीच टकराव से बचा जा सके.
चूंकि कृषि सीजन की बुआई की अवधि बहुत कम है, इसलिए पुलिस कृषि कार्य में लगे किसानों को सुरक्षा प्रदान करेगी. हालांकि, किसानों को अपने काम पर निकलने से पहले अपने संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक से संपर्क करना होगा.
पुलिस ने कहा कि यदि किसी किसान के पास कोई सुरक्षा कवर नहीं है तो उसे खेती के लिए बाहर नहीं जाना चाहिए, हमने किसानों के लिए अधिक सुरक्षा बढ़ाने के लिए वीआईपी सुरक्षा कवर कम कर दिया है.
पिछले 24 घंटों के दौरान, राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों ने चुराचांदपुर जिले, बिष्णुपुर और कांगपोकपी जिले के संवेदनशील और सीमांत इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया है.
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