
- इजरायल की कट्टरपंथी यहूदी पार्टी यूनाइटेड टोरा जूडाइज़्म ने सैन्य भर्ती बिल विवाद के कारण प्रधानमंत्री नेतन्याहू की गठबंधन सरकार से इस्तीफा दे दिया है.
- UTJ के छह सदस्यों के इस्तीफे के बाद नेतन्याहू की सरकार अब केवल एक सीट के बहुमत पर बनी है, जिससे उसकी स्थिति नाजुक हो गई है.
- इस्तीफा 48 घंटे बाद प्रभावी होगा, जिससे नेतन्याहू के पास संकट सुलझाने और समझौता करने के लिए कुछ समय उपलब्ध रहेगा.
इजरायल की एक कट्टरपंथी यहूदी पार्टी यूनाइटेड टोरा जूडाइज़्म (UTJ) ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन सरकार से इस्तीफा दे दिया है. यह कदम लंबे समय से चल रहे सैन्य भर्ती बिल को लेकर मतभेद के चलते उठाया गया है. UTJ के छह सदस्यों के इस कदम के बाद नेतन्याहू की राष्ट्रवादी-धार्मिक गठबंधन सरकार अब केवल एक सीट के बहुमत पर टिक गई है, जिससे उसकी स्थिति बेहद नाज़ुक हो गई है.
क्या नेतन्याहू की सरकार गिर गई है?
नहीं. लेकिन गिर सकती है। UTJ की सहयोगी पार्टी शास भी अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स गुट से है और आमतौर पर UTJ के साथ कदमताल करती है. अगर शास भी सरकार से बाहर हो गई, तो नेतन्याहू संसद में अपना बहुमत खो बैठेंगे और सरकार का कामकाज चलाना मुश्किल हो जाएगा. हालांकि, UTJ का इस्तीफा 48 घंटे बाद ही प्रभावी होगा जब उनके मंत्रियों के इस्तीफे आधिकारिक रूप से सौंपे जाएंगे. इससे नेतन्याहू के पास कोई समाधान निकालने के लिए कुछ समय मिल जाएगा. अगर समझौता नहीं होता, तो जुलाई के अंत में संसद गर्मी की छुट्टी पर चली जाएगी, जिससे नेतन्याहू को संकट सुलझाने के लिए लगभग तीन महीने का समय मिल जाएगा. नेतन्याहू पहले भी राजनीतिक संकटों से निकल चुके हैं.
इजरायल की सरकारें कैसे काम करती हैं?
इजरायल में शायद ही कोई सरकार अपना पूरा चार साल का कार्यकाल पूरा करती है. कभी भी किसी एक पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है, इसलिए सरकारें गठबंधन के जरिए बनती हैं. प्रधानमंत्री को आमतौर पर गठबंधन की अंदरूनी विचारधारात्मक खींचतान और धार्मिक मांगों से जूझना पड़ता है. जब भी कोई बड़ा मतभेद होता है, गठबंधन टूट सकते हैं और सरकार गिर सकती है.
क्या जल्दी चुनाव होंगे?
संभव है. लेकिन फिलहाल नहीं. कुछ स्थितियां जैसे–संसद का खुद को भंग करना या सरकार का बजट पास करने में विफल होना–चुनाव जल्दी कराने की वजह बन सकती हैं. लेकिन इनमें से कोई भी स्थिति तात्कालिक चुनाव की ओर इशारा नहीं करती. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि 2026 के अंत की बजाय चुनाव अगले साल की शुरुआत में कराए जा सकते हैं.
इजरायल में चुनाव कैसे होते हैं?
यहां संसदीय चुनाव होते हैं. 120 सदस्यीय केसेट (संसद) की सीटें राष्ट्रीय पार्टियों को आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर मिलती हैं. कोई भी पार्टी 3.25% वोट प्राप्त करने के बाद ही सीट पा सकती है. 2019 से अब तक इजरायल में पांच आम चुनाव हो चुके हैं. नवंबर 2022 के चुनाव में नेतन्याहू को स्पष्ट बहुमत मिला था. लेकिन ताजा सर्वे बताते हैं कि अगर आज चुनाव होते हैं तो उनका गठबंधन हार सकता है.
गठबंधन की स्थिति क्या है?
पिछले ढाई वर्षों में नेतन्याहू के गठबंधन में कई उतार-चढ़ाव आए हैं. UTJ जैसे सहयोगियों की भरपाई करना बेहद कठिन होगा, क्योंकि वर्तमान सरकार दक्षिणपंथी और धार्मिक यहूदी पार्टियों का गठबंधन है.
विपक्ष में मध्यमार्गी, वामपंथी, दक्षिणपंथी, उदारवादी और रूढ़िवादी गुट शामिल हैं.
गठबंधन की स्थिति:
- कुल सीटें: 120
- गठबंधन में कुल दल: 13
- गठबंधन के पास कुल सीटें: 61
- लिकुड (नेतन्याहू की पार्टी): 32 सीटें
- शास (अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स पार्टी): 11
- धार्मिक सियोनवाद पार्टी (बेज़ालेल स्मोट्रिच): 7
- यहूदी शक्ति पार्टी (इतामर बेन-गवीर): 6
- नेशनल राइट पार्टी: 4
- नोआम पार्टी: 1
क्या राजनीतिक उथल-पुथल का गाज़ा युद्ध पर असर पड़ेगा?
यह अब तक स्पष्ट नहीं है. अमेरिका समर्थित युद्धविराम वार्ताएं कतर में जारी हैं. इजरायली जनता अब गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध से थक चुकी है और कई सर्वे बताते हैं कि बचे हुए बंधकों की वापसी के बदले युद्ध समाप्त करने के समझौते को जनता का समर्थन मिलेगा. नेतन्याहू की सरकार में युद्धविराम को लेकर अभी भी पर्याप्त समर्थन है. लेकिन उनकी गठबंधन की दो चरम दक्षिणपंथी पार्टियां –यहूदी शक्ति और धार्मिक सियोनवाद–युद्ध को पूरी तरह समाप्त करने के पक्ष में नहीं हैं.
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