लंदन:
भारत महात्मा गांधी और गौतम बुद्ध का देश है। भारत में हरेक नागरिक के समान अधिकार हैं, ये कहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का था, जब उनसे भारत में बढ़ रही असहनशीलता के बारे में पूछा गया। प्रधानमंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'इतने बड़े मुल्क में एक मामला हो या फिर ज़्यादा, भारत का क़ानून सबको एक समान तवज्जो देता है।'
दरअसल प्रधानमंत्री की ये विदेश यात्रा कुछ अलग साबित हो रही है। जिस समय प्रधानमंत्री ये बात बोल रहे थे, बिल्डिंग के बाहर उनके ख़िलाफ़ नारे लग रहे थे। कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन से लेकर खालिस्तान से लेकर अम्बेडकर से जुड़े हुए समुदाय नारे लगा रहे थे। समर्थक और मोदी के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी कर रहे लोगों को लेकर लंदन पुलिस ने ख़ास इंतज़ाम किए हुए थे ताकि वो आपस में भीड़ ना जाएं। पूरा पार्लियामेंट स्क्वायर आम जनता के लिए बंद किया गया था, क्योंकि विरोध में काफ़ी लोग जमा हो रहे थे। इस पर एक पत्रकार ने उनसे खुल कर पूछा कि बाहर उनके ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो रहे हैं, उसके बारे में क्या कहना है, इस पर प्रधानमंत्री ने कुछ सफ़ाई नहीं दी।
वहीं गार्जियन अखबार के पत्रकार ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री से पूछा कि उनके पहले कार्यकाल के दो साल तक तो नरेंद्र मोदी ब्रिटेन में आमंत्रित ही नहीं थे, ऐसे में अब उनका स्वागत करते हुए ब्रिटिश पीएम क्या सोचते हैं। इस सवाल के जवाब में कैमरन ने कहा कि उनका देश अब भविष्य की ओर देखना चाहता है। कैमरन ने कहा, 'मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वागत करते हुए बहुत खुशी हो रही है। वह विशाल जनादेश के साथ आए हैं। उन्होंने चुनाव में ऐतिहासिक बहुमत के साथ जीत दर्ज की है। पहले जो हुआ उस पर कानून अपना काम कर चुका है। अब हम भविष्य के बारे में विचार-विमर्श कर रहे हैं।'
इसी सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कड़ा जवाब देते हुए कहा कि मीडिया को अपने फ़ैक्ट्स ठीक रखने चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा कभी नहीं था कि मुझ पर किसी तरह का प्रतिबंध लगा हुआ था। मोदी ने कहा, 'मैं 2003 में भी लंदन आया था। तब भी मेरी काफ़ी आवभगत हुई थी। मेरे आने पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगा था। हां, मैं समयाभाव के कारण नहीं आया पाया, तो यह अलग बात है। इसलिए इस परसेप्शन को सुधार कर लीजिए।'
दरअसल प्रधानमंत्री की ये विदेश यात्रा कुछ अलग साबित हो रही है। जिस समय प्रधानमंत्री ये बात बोल रहे थे, बिल्डिंग के बाहर उनके ख़िलाफ़ नारे लग रहे थे। कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन से लेकर खालिस्तान से लेकर अम्बेडकर से जुड़े हुए समुदाय नारे लगा रहे थे। समर्थक और मोदी के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी कर रहे लोगों को लेकर लंदन पुलिस ने ख़ास इंतज़ाम किए हुए थे ताकि वो आपस में भीड़ ना जाएं। पूरा पार्लियामेंट स्क्वायर आम जनता के लिए बंद किया गया था, क्योंकि विरोध में काफ़ी लोग जमा हो रहे थे। इस पर एक पत्रकार ने उनसे खुल कर पूछा कि बाहर उनके ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो रहे हैं, उसके बारे में क्या कहना है, इस पर प्रधानमंत्री ने कुछ सफ़ाई नहीं दी।
वहीं गार्जियन अखबार के पत्रकार ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री से पूछा कि उनके पहले कार्यकाल के दो साल तक तो नरेंद्र मोदी ब्रिटेन में आमंत्रित ही नहीं थे, ऐसे में अब उनका स्वागत करते हुए ब्रिटिश पीएम क्या सोचते हैं। इस सवाल के जवाब में कैमरन ने कहा कि उनका देश अब भविष्य की ओर देखना चाहता है। कैमरन ने कहा, 'मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वागत करते हुए बहुत खुशी हो रही है। वह विशाल जनादेश के साथ आए हैं। उन्होंने चुनाव में ऐतिहासिक बहुमत के साथ जीत दर्ज की है। पहले जो हुआ उस पर कानून अपना काम कर चुका है। अब हम भविष्य के बारे में विचार-विमर्श कर रहे हैं।'
इसी सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कड़ा जवाब देते हुए कहा कि मीडिया को अपने फ़ैक्ट्स ठीक रखने चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा कभी नहीं था कि मुझ पर किसी तरह का प्रतिबंध लगा हुआ था। मोदी ने कहा, 'मैं 2003 में भी लंदन आया था। तब भी मेरी काफ़ी आवभगत हुई थी। मेरे आने पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगा था। हां, मैं समयाभाव के कारण नहीं आया पाया, तो यह अलग बात है। इसलिए इस परसेप्शन को सुधार कर लीजिए।'
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