प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi ) और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ( US President Joe Biden ) के बीच न्यूयॉर्क में गुरुवार को होने वाली मुलाकात पर सबकी नजरें हैं. इस द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों के बीच अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) के शासन, चीन (China) के बढ़ते प्रभुत्व और क्वॉड (QUAD) की दिशा और दशा तय करने जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. विदेश मामलों की विशेषज्ञ तान्वी मदान ने मंगलवार को ये बात कही. तान्वी ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन (Brookings Institution)के फॉरेन पॉलिसी प्रोग्राम में सीनियर फेलो हैं.
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पीएम मोदी की तीन दिनों की अमेरिकी यात्रा के पहले मदान ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ पीएम मोदी की मुलाकात तमाम मुद्दों पर आमने-सामने बात करने का पहला अवसर है. इस बैठक का एजेंडा व्यापक हो सकता है. तन्वी ने ANI से कहा कि बैठक में अफगानिस्तान (Afghanistan) और उसके विकास के मुद्दे पर बात हो सकती है. तालिबान से कैसे निपटना है, हिन्द प्रशांत महासागर और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. इसमें कोरोना महामारी के आर्थिक और अन्य मोर्चों पर असर को कम करने जैसे मुद्दों पर भी बातचीत हो सकती है.
पीएम मोदी आज अमेरिकी यात्रा के लिए रवाना होंगे. 23 सितंबर को पीएम मोदी यूएस प्रेसिडेंट (US President) की ओर से बुलाए गए ग्लोबल कोविड समिट में शामिल होंगे. पीएम 24 सितंबर को चार देशों के संगठन क्वॉड (QUAD) के शीर्ष नेताओं की आमने-सामने हो रही इस पहली बैठक में शामिल होंगे. 24 सितंबर को ही प्रधानमंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.
प्रधानमंत्री 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के वार्षिक सम्मेलन के दौरान अपना संबोधन देंगे. प्रधानमंत्री 25 सितंबर को कुछ बड़ी अमेरिकी कंपनियों के सीईओ (CEO) से भी मुलाकात कर सकते हैं. जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद मोदी की यह पहली अमेरिकी यात्रा है. मदान ने कहा कि अमेरिका, फ्रांस समेत कई देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय रिश्ते बेहद मायने रखते हैं. फ्रांस से बेहतर रिश्तों के कारण रक्षा समझौतों में भारत उसे ज्यादा उचित मूल्य और अत्याधुनिक सैन्य तकनीक उपलब्ध कराए जाने को लेकर मजबूती से बात रख सकता है.
क्वॉड की यह बैठक त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी AUKUS के सम्मेलन के बीच हो रही है. इस समझौते में ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका शामिल हैं. 15 सितंबर को इस पैक्ट का ऐलान हुआ था. AUKUS के क्वॉड पर पड़ने वाले असर के सवाल पर तन्वी ने कहा कि हमें देखना होगा कि ये सुरक्षा समझौता कैसे आगे बढ़ता है. मौजूदा माहौल में यह क्वॉड को ही मजबूती देने का एक मंच दिखता है.
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