विज्ञापन

पेरिस में 1980 में जब बड़ी तादाद में मार दिए गए थे आवारा कुत्ते! जानिए आखिर हुआ क्या था

मेनका गांधी ने जिस घटना का जिक्र किया, उसको लेकर एक कहानी अक्‍सर बताई जाती रही है. उसके मुताबिक, 1880 के दशक में पेरिस में सफाई और स्वास्थ्‍य सुधार के प्रयासों के तहत कुत्तों और बिल्लियों के बड़े पैमाने पर कत्लेआम की चर्चा होती है.

पेरिस में 1980 में जब बड़ी तादाद में मार दिए गए थे आवारा कुत्ते! जानिए आखिर हुआ क्या था
  • आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर पशु प्रेमी एक्टिविस्‍ट और संस्थाएं आलोचना कर रही हैं.
  • मेनका गांधी ने 1880 में पेरिस में कुत्ते-बिल्लियों के बड़े पैमाने पर मारे जाने का जिक्र करते हुए आलोचना की.
  • एक रिसर्च पेपर के अनुसार, 1883 में पेरिस में केवल आवारा कुत्तों पर रेबीज नियंत्रण के लिए कार्रवाई हुई थी.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्‍ली:

आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले (Supreme Court Verdict on Stray Dogs) ने एक बहस खड़ी कर दी है. एक तरफ तो डॉग-बाइट (Dogs Bite) के बढ़ते मामलों के बीच इस फैसले से राहत की उम्‍मीद की जा रही है तो वहीं दूसरी ओर पेट लवर्स (पशु प्रेमी) और संस्‍थाएं इसकी आलोचना कर रही है. पशुओं के प्रति प्रेमभाव रखने वालीं बीजेपी की पूर्व सांसद और एनिमल राइट एक्टिविस्‍ट मेनका गांधी (Maneka Gandhi) ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना की है. उन्‍होंने फ्रांस की राजधानी पेरिस की 1880 के दशक में हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कुत्ते चले गए तो शहर में हर जगह बंदर घूम रहे होंगे. आज कुत्तों के डर से बंदर पेड़ से नहीं उतरते. 

मेनका गांधी ने कहा, 'पेरिस में 1880 में कुत्ते-बिल्लियों को मार डाला. एक हफ्ते के अंदर कोई उस शहर में रह नहीं पा रहा था. नालों में चूहे भर गए थे. आखिरकार कुत्ते-बिल्लियों को वापस लाना पड़ा.' क्‍या सच में पेरिस में ऐसा किया गया था और चूहों की संख्‍या बढ़ने के चलते कुत्ते-बिल्लियों को वापस लाना पड़ा था? आइए जानते हैं कि आखिर 1880 के दशक में हुआ क्‍या था?

आज कुत्तों के डर से बंदर पेड़ से नहीं उतरते हैं. अगर कुत्ते गए तो बंदर हर जगह घूम रहे होंगे. पेरिस में 1880 में ऐसा हुआ था, जब उन्होंने सारे कुत्ते-बिल्लियों को मार डाला. एक हफ्ते के अंदर-अंदर कोई उस शहर में नहीं रह सकता था. क्योंकि नालों में सारे चूहे भर गए थे. आखिरकार उन्‍हें कुत्ते और बिल्लियों को वापस लाना पड़ा.

मेनका गांधी

पूर्व बीजेपी सांसद और एनिमल राइट्स एक्टिविस्‍ट

1880 की कौन-सी कहानी सुनाई जाती रही है?

मेनका गांधी ने जिस घटना का जिक्र किया, उसको लेकर एक कहानी अक्‍सर बताई जाती रही है. उसके मुताबिक, 1880 के दशक में पेरिस में सफाई और स्वास्थ्‍य सुधार के प्रयासों के तहत कुत्तों और बिल्लियों के बड़े पैमाने पर कत्लेआम की चर्चा होती है.

Latest and Breaking News on NDTV

बताया जाता है कि उस समय पेरिस में पालतू और आवारा जानवरों की संख्या इतनी बढ़ गई थी कि वे शहर के स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए खतरा बन गए थे. पेरिस की पुलिस प्रशासन और नगर सरकार ने कुत्तों और बिल्लियों को बड़े पैमाने पर मार डालने (mass culling) का आदेश दिया. इस दौरान हजारों कुत्ते और बिल्लियां मारे गए. इस नीतिगत कार्रवाई का उद्देश्य रोग नियंत्रण, खास तौर पर रेबीज के खतरे को कम करना था.  

कहा जाता है कि कुत्ते-बिल्लियों की कमी से शहर में चूहों की संख्‍या काफी तेजी से बढ़ने लगी और उनका आतंक शहर के नालों, गलियारों से लोगों के मकानों तक फैलनपे लगा. ऐसे में लोग शहर छोड़कर जाने लगे. स्थानीय प्रशासन को यह समझ में आया कि शहर के इको-सिस्‍टम के लिए जरूरी था. तब चूहों की संख्‍या को नियंत्रित करने के लिए एक बार फिर कुत्तों-बिल्ली के पूरे शहर में फिर से लाने पर जोर दिया गया.  

Latest and Breaking News on NDTV

पेरिस की घटना का पूरा सच क्‍या है?

1880 के दशक में पेरिस शहर में कुत्ते-बिल्लियों को मारे जाने की ये कहानी कुछ हद तक सही बताई जाती है, लेकिन इसके पुख्‍ता प्रमाण नहीं मिलते. फेमस जर्नल jstor.org पर प्रकाशित रिसर्च पेपर 'STRAY DOGS AND THE MAKING OF MODERN PARIS' के मुताबिक, 1883 में पेरिस में रेबीज नियंत्रण के लिए आवारा कुत्तों पर कार्रवाई के प्रमाण मिलते हैं, हालांकि उसी समय बिल्लियों को मारे जाने की घटना का जिक्र नहीं मिलता. रिसर्च पेपर के मुताबिक, एमीले कैप्रोन नाम के फार्मासिस्‍ट ने पेरिस शहर की सड़कों पर से आवारा कुत्तों को हटाने की अपील की थी, क्‍योंकि इनसे रेबीज फैल रहा था. साथ ही ये कुत्ते तब घोड़ों को डराते थे, जिससे दुर्घटनाएं भी हो रही थीं. 

Latest and Breaking News on NDTV

उस समय पेरिस प्रशासन और स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों ने इन आवारा कुत्तों को शहर की सफाई, स्‍वास्‍थ्‍य और सुरक्षा के लिए खतरा माना. पेरिस की प्रशासनिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी नीतियों में भी आवारा कुत्तों को एक समस्या बताया जिसे नए आधुनिक और सुरक्षित शहर के लिए खत्म करना जरूरी था.  ये कठोर रवैया उसी पश्चिमी समाज के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा था, जो बिना नियंत्रण वाली गतिशीलता (जैसे आवारा जानवर या लोग) को आधुनिक समाज की सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा मानता था. 

ये भी पढ़ें: जेल या जुर्माना... आवारा कुत्तों को पकड़ने से रोका तो क्‍या कार्रवाई हो सकती है?

jstor पर प्रकाशित इस लेख में बताया गया है कि कैसे पेरिस ने आवारा कुत्तों को सामाजिक, स्वास्थ्य और सुरक्षा के खतरे के रूप में देखा और उन्हें शहर से बाहर करने की कोशिश की, ताकि शहर को साफ-सुथरा, सुरक्षित और आधुनिक बनाया जा सके. ये पूरी प्रक्रिया उस समय के सामाजिक, सांस्कृतिक और शहरी बदलावों के प्रभाव में थी. 

Latest and Breaking News on NDTV

बिल्‍लयों को मारने की कहानी कहां से आई?

पेरिस में 1880 के दशक में कुत्तों के साथ-साथ बिल्लियों को भी मारे जाने की घटना के प्रमाण नहीं मिलते. एक अमेरिकी इतिहासकार हुए रॉबर्ट डार्नटन. 1984 में उनकी एक किताब पब्लिश हुई- 'The Great Cat Massacre and Other Episodes in French Cultural History'. ये किताब आलेखों का संग्रह थी. इसमें एक लेख पेरिस में बिल्लियों को मारे जाने की घटना का जिक्र मिलता है. लेकिन वो 1880 के दशक का नहीं, बल्कि 1730 का है, जब जब प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले मजदूरों ने प्रतीक के तौर पर बिल्लियों का सामूहिक हत्याएं कीं. इस घटना की वजह मजदूरों का असंतोष बताया जाता है, क्योंकि मालिकों की बिल्लियों को मजदूरों से ज्‍यादा सुख-साधन मुहैया थे.  

Latest and Breaking News on NDTV

पेरिस में कुत्ते-बिल्लियों की बड़े पैमाने पर हत्‍या और परिणामस्‍वरूप शहर में चूहों की बढ़ती संख्‍या के चलते लोगों के शहर छोड़ने का प्रमाण नहीं मिलता है. हालांकि तब के बारे में अनुमान लगाया जाता रहा है कि कुत्तों को बड़े पैमाने पर मारे जाने या शहर से हटाए जाने के चलते चूहों की संख्‍या बढ़ गई होगी!

यह भी पढ़ें: कुत्तों के काटने के एक साल में 37 लाख मामले, इन 6 राज्यों में डॉग बाइट के सबसे ज्यादा केस

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com