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This Article is From Apr 03, 2022

इमरान खान का नया दांव, पंजाब के गवर्नर को हटाने के साथ नए मुख्यमंत्री का चुनाव टाला

इमरान ने रविवार को पंजाब प्रांत के गवर्नर चौधरी सरवर को हटा दिया और नए मुख्यमंत्री का चुनाव टाल दिया. नेशनल असेंबली की तरह पंजाब विधानसभा के डिप्टी स्पीकर सरदार दोस्त मुहम्मद मजारी ने इमरान खान सरकार को गिराने की अंतरराष्ट्रीय साजिश का आरोप लगाया.

इमरान खान का नया दांव, पंजाब के गवर्नर को हटाने के साथ नए मुख्यमंत्री का चुनाव टाला
Pakistan News : इमरान खान ने आम चुनाव कराने की सिफारिश की
लाहौर:

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नेशनल असेंबली को भंग करने और आम चुनाव कराने की सिफारिश के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री को लेकर भी नया दांव चल दिया है. इमरान ने रविवार को पंजाब प्रांत के गवर्नर चौधरी सरवर को हटा दिया और नए मुख्यमंत्री का चुनाव टाल दिया. नेशनल असेंबली की तरह पंजाब विधानसभा के डिप्टी स्पीकर सरदार दोस्त मुहम्मद मजारी ने इमरान खान सरकार को गिराने की अंतरराष्ट्रीय साजिश का आरोप लगाया. उन्होंने मुख्यमंत्री का चुनाव कराने से इनकार कर दिया और सत्र को 6 अप्रैल तक के लिए टाल दिया.स्पीकर के कार्यालय ने कहा कि विधानसभा में हंगामे के कारण मुख्यमंत्री का चुनाव करानी की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.

चौधरी परवेज इलाही सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) गठबंधन के उम्मीदवार थे, जबकि संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार हमजा शहबाज थे, जो पीएमएल-एन के अध्यक्ष और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ के बेटे हैं. पंजाब विधानसभा सत्र नेशनल असेंबली सेशन के साथ ही हुआ. इससे पहले सुबह प्रधानमंत्री ने पंजाब के गवर्नर सरवर को बर्खास्त कर दिया था और उनकी जगह उमर सरफराज को नियुक्त किया.

सरवर ने इमरान खान से जुड़ी कई गोपनीय सूचनाएं होने का दावा करते हुए कहा कि उन्हें इसे जगजाहिर करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने आऱोप लगाया कि खान ने अपनी पार्टी के विरोध के बावजूद एक अयोग्य मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार को चुना था. सरवर ने कहा कि खान ने उन्हें संविधान का उल्लंघन करते हुए आधी रात को पंजाब विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए कहा था. सरवर ने आगे दावा किया कि उन्होंने दो दिन पहले अपना इस्तीफा दे दिया था.

इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने और संसद भंग होने के बावजूद पाकिस्तान में सियासी संकट हल होता नहीं दिख रहा है. हालांकि सेना ने इस पूरे घटनाक्रम से किनारा कर लिया है. उसका कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव से लेकर नेशनल असेंबली भंग होने तक के पूरे घटनाक्रम में उसका कोई वास्ता नहीं है. वहीं विपक्षी दलों पीपीपी, पीएमएल-एन ने अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है. 

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