बांग्लादेश की नई सरकार का पाकिस्तान के प्रति पहले की तमाम सरकारों से बिल्कुल ही अलग दिख रहा है. यही वजह है कि दोनों देशों की सेनाएं लगातार एक दूसरे के साथ बैठक कर अपने संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं. इसी कड़ी में कुछ दिन पहले बांग्लादेश की सेना के वरिष्ठ अधिकारी पाकिस्तान के रावलपिंडी गए थे. इसके बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के कई बड़े अधिकारी बीते दिनों ढाका आए थे. इस दौरे में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों ने बांग्लादेशी सेना के वरिष्ठ अधिकारी से बात की और भविष्य की योजनाओं को लेकर चर्चा की. कई दशकों से बांग्लादेश से भारत के संबंध बेहतर रहे हैं ऐसे में बांग्लादेश की पाकिस्तान से बढ़ती नजदीकियों पर भारत भी लगातार नजर बनाए हुए हैं. विदेश मंत्रालय के अनुसार बांग्लादेश और पाकिस्तानी सेना की बैठकों और उसके बाद पैदा होने वाला हालात पर भारत की पैनी नजर है और भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सक्षम है.
ISI की एंट्री बहुत कुछ कहती है
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के कई आला अधिकारी बीते कई दिनों से बांग्लादेश में हैं. इस दौरान वो मौजूदा सरकार से बातचीत के साथ-साथ सेना के सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत के टेबल पर हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार इस टीम में मेजर जनरल शाहिद आमीर भी शामिल हैं. ये वही शाहिद आमीर हैं जो चीन पाकिस्तान के मिलिट्री डिप्लोमेट रह चुके हैं. कहा जा रहा है कि उनके साथ दो ब्रिगेडियर भी होंगे. ISI की टीम 21 जनवरी को ढाका पहुंची थी. ये टीम ढाका में 25 जनवरी तक रह सकती है.
बांग्लादेशी सेना के अधिकारी भी गए थे पाकिस्तान
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के अधिकारियों के बांग्लादेश दौरे से पहले बांग्लादेश की सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पाकिस्तान का दौरा किया था. आपको बता दें बांग्लादेश और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच ये बढ़ती नजदीकियां, बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के सत्ता छोड़ने के बाद से दिख रही है. पाकिस्तान और बांग्लादेश की सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बीते मंगलवार को इस्लामाबाद में एक बैठक की थी. कहा जा रहा है कि उस बैठक के दौरान इस बैठक के दौरान दोनों ही सेनाओं ने मजबूत रक्षा संबंधों पर बात की और भविष्य में इस साझेदारी को और मजबूती देने पर विचार भी किया. आपको बता दें कि बीते दिनों बांग्लादेश के सशस्त्र बल प्रभाग के ‘प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर' (पीएसओ) लेफ्टिनेंट जनरल एस. एम. कमर-उल-हसन की पाकिस्तान यात्रा पर थे.
भारत हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठा चुका है
बात अगर भारत और बांग्लादेश के रिश्ते की जाए तो बीते कुछ महीनों में इन दोनों देशों के बीच कुछ तल्खियां जरूर आई है. और इस तल्खियां की मुख्य वजह है बांग्लादेश की मौजूदा सरकार का अल्पसंख्यकों और खासकर हिंदुओं के प्रति रुख. भारत लगातार बीते कुछ महीनों से इस बात पर जोर देता रहा है कि बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं के साथ हो रही हिंसा को रोका जाना चाहिए. लेकिन इसके बावजूद भी जिस तरह से इन मामलों में कमी आनी चाहिए वैसा आज तक नहीं हुआ है. रह-रहकर हिंदुओं को निशाना जारी है. बांग्लादेश के इस रुख के कारण भी दोनों देशों के बीच कुछ हद तक तल्खियां दिख रही हैं.
भारत के साथ संबंधों पर भी पड़ सकता है असर
पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ती नजदीकियों का असर भारत और बांग्लादेश के बीच के संबंध पर भी पड़ सकता है. जानकार बताते हैं कि 1971 के बाद ये पहली बार हो रहा है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान इतने करीब आ रहे हैं. ऐसे में ये भारत के साथ बांग्लादेश के पुराने संबंध को नुकसान जरूर पहुंचाएगा.
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