न्यूयॉर्क:
पाकिस्तान के एक पूर्व राजनयिक का कहना है कि जिहादियों से मुकाबले के लिए अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को बेचे गए करीब एक अरब डॉलर के जंगी हेलिकॉप्टरों, मिसाइलों और अन्य रक्षा उपकरणों को भारत के खिलाफ लड़ाई में इस्तेमाल किया जा सकता है।
अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व दूत हुसैन हक्कानी ने कहा कि ओबामा प्रशासन के पाकिस्तान को अमेरिका निर्मित जंगी हेलिकॉप्टरों, मिसाइलों और अन्य उपकरण बेचने के फैसले से इस्लामी चरमपंथियों के खिलाफ देश की लड़ाई का मकसद तो पूरा नहीं होगा, बल्कि इससे दक्षिण एशिया में संघर्ष भड़केगा।
हक्कानी ने ‘क्यों हम ये हमलावर हेलिकॉप्टर पाकिस्तान को भेज रहे हैं’ शीषर्क से वॉल स्ट्रीट जर्नल में लिखा है, ‘‘अपने जेहादियों से निपटने में पाकिस्तान को नाकामयाबी हथियारों की कमी के कारण नहीं बल्कि इच्छाशक्ति नहीं रहने के कारण मिली है। जब तक पाकिस्तान अपना वैश्विक नजरिया नहीं बदलता अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल जिहादियों से मुकाबले की बजाए भारत और कथित घरेलू दुश्मनों के खिलाफ लड़ने में या उन्हें धमकाने में होता रहेगा।’’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के ‘पिछले व्यवहार’ को देखते हुए ऐसा लगता है कि 15 एएच-एक जेड वाइपर हेलिकॉप्टर और 1,000 हेलिफायर मिसाइलों के साथ ही संचार और प्रशिक्षण उपकरणों का इस्तेमाल उत्तर पश्चिम में जिहादियों के खिलाफ लड़ने की जगह कश्मीर में विवादित सीमा पर और दक्षिण-पश्चिम बलूचिस्तान प्रांत में बागियों के खिलाफ होगा।
अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व दूत हुसैन हक्कानी ने कहा कि ओबामा प्रशासन के पाकिस्तान को अमेरिका निर्मित जंगी हेलिकॉप्टरों, मिसाइलों और अन्य उपकरण बेचने के फैसले से इस्लामी चरमपंथियों के खिलाफ देश की लड़ाई का मकसद तो पूरा नहीं होगा, बल्कि इससे दक्षिण एशिया में संघर्ष भड़केगा।
हक्कानी ने ‘क्यों हम ये हमलावर हेलिकॉप्टर पाकिस्तान को भेज रहे हैं’ शीषर्क से वॉल स्ट्रीट जर्नल में लिखा है, ‘‘अपने जेहादियों से निपटने में पाकिस्तान को नाकामयाबी हथियारों की कमी के कारण नहीं बल्कि इच्छाशक्ति नहीं रहने के कारण मिली है। जब तक पाकिस्तान अपना वैश्विक नजरिया नहीं बदलता अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल जिहादियों से मुकाबले की बजाए भारत और कथित घरेलू दुश्मनों के खिलाफ लड़ने में या उन्हें धमकाने में होता रहेगा।’’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के ‘पिछले व्यवहार’ को देखते हुए ऐसा लगता है कि 15 एएच-एक जेड वाइपर हेलिकॉप्टर और 1,000 हेलिफायर मिसाइलों के साथ ही संचार और प्रशिक्षण उपकरणों का इस्तेमाल उत्तर पश्चिम में जिहादियों के खिलाफ लड़ने की जगह कश्मीर में विवादित सीमा पर और दक्षिण-पश्चिम बलूचिस्तान प्रांत में बागियों के खिलाफ होगा।