
- अजरबैजान में हो रहे 17वें ईसीओ सम्मेलन में पाकिस्तान के पीएम ने आतंकवाद पर टिप्पणी की.
- शरीफ ने पहलगाम आतंकी हमले को दुर्भाग्यपूर्ण घटना कहा लेकिन फिर बोल बदल लिए.
- उन्होंने भारत की कार्रवाई को अकारण हमला और लापरवाह बताया.
- शरीफ ने इस मंच पर सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) का जिक्र भी किया.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अजरबैजान में हैं और यहां पर वह 17वें इकोनॉमिक को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (ईसीओ) के सम्मेलन में हिस्सा ले रहे थे. सम्मेलन में शहबाज शरीफ ने एक बार फिर से किसी अंतरराष्ट्रीय मंच से भारत को निशाना बनाया. वह यहां पर कुछ ऐसा कह गए जिसे कुछ लोग आतंकवाद पर पाकिस्तान का 'कबूलनामा' करार दे रहे हैं. शरीफ ने यहां पर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले से लेकर कश्मीर मुद्दे और सिंधु जल संधि तक का जिक्र किया. पीएम शरीफ ने भारत की तरफ से मई में हुई कार्रवाई को 'अकारण हमला' करार दिया. जो बात सबसे दिलचस्प थी वह थी पहलगाम में हुए आतंकी हमले को शरीफ का एक 'दुर्भाग्यपूर्ण' घटना मानना.
भारत की कार्रवाई लापरवाही भरी
शरीफ ने ईसीओ देशों के सामने कहा, साथी ECO सदस्य देशों से कहा कि भारत की कार्रवाई 'लापरवाह' थी और इसका मकसद क्षेत्रीय शांति को अस्थिर करना था. उन्होंने कहा, 'जम्मू और कश्मीर में एक 'दुर्भाग्यपूर्ण' घटना के बाद पाकिस्तान के लिए बिना उकसावे के और लापरवाही भरी भारतीय दुश्मनी क्षेत्रीय शांति को अस्थिर करने का एक और प्रयास था.'
शरीफ ने पहलगाम आतंकी हमले का नाम नहीं लिया लेकिन माना जा रहा है कि वह जिस 'घटना' का जिक्र कर रहे थे, वह पहलगाम वही आतंकी घटना थी जो बैसरन वैली में अंजाम दी गई थी. इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी. इस आतंकी घटना को हाल के वर्षों में कश्मीर घाटी में हुई सबसे खौफनाक आतंकी वारदात माना जाता है. पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा की शाखा, द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी.
भारत ने सात मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च करके इसका जवाब दिया था. भारत की तरफ से हुई कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे समूहों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में कई आतंकी लॉन्च पैड्स को निशाना बनाया गया.
ईसीओ देशों को दिया थैंक्स
शरीफ ने न तो पहलगाम हमले के पीड़ितों का जिक्र किया और न ही उन्होंने उस आतंकी संगठन के पाकिस्तान में होने की बात को माना जिसने हमले की जिम्मेदारी ली थी. लेकिन इसकी जगह एक बार फिर अपनी सेना का गुणगान करने लगे. उन्होंने कहा, 'दुनिया ने फील्ड मार्शल सैयद असीम मुनीर के नेतृत्व में हमारी बहादुर सेनाओं के दृढ़ संकल्प को देखा.' उन्होंने भारतीय आक्रामकता के मद्देनजर उनके समर्थन के लिए ECO देशों को भी धन्यवाद दिया.
कश्मीर की तुलना गाजा, ईरान से
शरीफ ने एक बार फिर कश्मीर मसले को उठाया. सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने जम्मू कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों की तुलना गाजा और ईरान में हुई हिंसा से कर डाली. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान उन लोगों के खिलाफ मजबूती से खड़ा है जो दुनिया में कहीं भी निर्दोष लोगों के खिलाफ बर्बरतापूर्ण कृत्य करते हैं, चाहे वह गाजा हो, कश्मीर हो या ईरान हो.' उन्होंने इस सच को भी दरकिनार कर दिया कि पहलगाम नरसंहार को उनके अपने देश में स्थित एक आतंकी समूह ने ही अंजाम दिया था.
शरीफ ने भारत पर सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि नई दिल्ली, पाकिस्तान के खिलाफ पानी को 'हथियार' बना रहा है. उन्होंने कहा, 'यह उल्लंघन पूरी तरह से अस्वीकार्य है. सिंधु नदी का पानी पाकिस्तान के 240 मिलियन लोगों के लिए जीवन रेखा है. भारत की कार्रवाई आक्रामकता के बराबर है.
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