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This Article is From Feb 25, 2022

"देश है परमाणु शक्ति लेकिन भीख मांग रहा दशकों से", Pakistan में IMF Loan पर फूटा गुस्सा

पाकिस्तान (Pakistan) में एक मीडिया संपादकीय में जोर देकर कहा गया कि "पाकिस्तान शायद इकलौता परमाणु शक्ति वाला देश है जो अपने रोज़मर्रा के खर्चे चलाने के लिए कर्जे का सहारा ले रहा है, मदद के लिए भीख मांग रहा है और यह दशकों से जारी है."

"देश है परमाणु शक्ति लेकिन भीख मांग रहा दशकों से", Pakistan में IMF Loan पर फूटा गुस्सा
Pakistan की सरकार IMF से कर्जे पर कर रही है आलोचना का सामना

पाकिस्तान (Pakistan) को इंटरनेशनल मॉनीटरीन फंड (IMF) की तरफ से ताजा कर्ज दिए जाने के बीच इमरान खान सरकार (Imran Khan Govt) की पाकिस्तान में खूब आलोचना हो रही है. सिविल सोसायटी की तरफ से कभी ना खत्म होने वाले कर्जे (Loan) को लेकर नाराज़गी जताई जा रही है. पाकिस्तान में ट्विटर(Twitter) पर लोगों का गुस्सा विदेश मंत्री शौकत तारिन की तरफ से IMF के ताजा कर्जे की 6ठी किश्त मिलने की जानकारी देने के बाद फूटा.  सोशल मीडिया पर इस्लाम खैबर कहते हैं," देश चलाने में आर्थिक अव्यवस्था और विदेशी कर्जे पर ज़रूरत से ज्यादा निर्भरता के कारण सरकार में लोगों का विश्वास और कम हो गया है."तारिन ने ट्वीट किया था, " मुझे खुशी हो रही है कि IMF बोर्ड ने पाकिस्तान के लिए अपने कार्यक्रम के ताहत कर्जे की 6ठी किश्त जारी कर दी है."

द रिपोर्ट में कहा गया, "यह केवल हैरानी भरा ही नहीं बल्कि दुखद है कि वित्त मंत्री देश के गुलाम बनने पर खुश होकर IMF की ओर से नई किश्त लेने की बात स्वीकार रहे हैं."

पाकिस्तान में एक मीडिया संपादकीय में जोर देकर कहा गया कि पाकिस्तान शायद इकलौता परमाणु शक्ति वाला देश है जो अपने रोज़मर्रा के खर्चे चलाने के लिए कर्जे का सहारा ले रहा है, मदद के लिए भीख मांग रहा है और यह दशकों से जारी है."

पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है, मंहगाई चरम पर है और इमरान सरकार के पास देश चलाने के लिए पैसा नहीं है.  आतंकवादियों को फंडिंग (Terror Funding) के कारण आर्थिक मोर्च पर परेशानियों का सामना कर रहा पाकिस्तान (Pakistan) अब अपने दोस्त देशों और अंतरर्राष्ट्रीय संस्थानों के सामने मदद के लिए झोली फैला रहा है. प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) खुद बता चुके हैं कि पाकिस्तान के ऊपर क़रीब 30 हज़ार खरब का कर्ज है और लोग टैक्स भर नहीं रहे.

फरवरी की शुरूआत में  खबर आई थी कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान के लिए अपने छह अरब डॉलर के रुके हुए बेलआउट पैकेज कार्यक्रम की छठी समीक्षा को पूरा करने की मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही IMF ने कुछ शर्तों के साथ नकदी की कमी का सामना कर रहे पाकिस्तान को लगभग एक अरब डॉलर के ऋण की एक किश्त जारी कर दी है.  IMF ने 3 जुलाई 2019 को पाकिस्तान के लिए बेलआउट पैकेज को मंजूर किया था. 

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