पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष इमरान खान (Imran Khan) ने पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधान मंत्री के रूप में अपने निष्कासन के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के लिए लोगों का आभार व्यक्त किया है. पाकिस्तान की सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन करने उतरे लोगों का एक वीडियो साझा करते हुए इमरान खान ने ट्वीट किया, "सभी पाकिस्तानियों को अपार और भावनाओं के अद्भुत समर्थन के लिए धन्यवाद, जो स्थानीय मीर जाफ़र्स द्वारा सत्ता में आने के लिए अमेरिकी समर्थित शासन परिवर्तन के विरोध में सड़कों पर उतरे हैं. जमानत पर बाहर आए बदमाशों की एक मंडली को सत्ता में लाने का विरोध करने वालों को धन्यवाद. यह दिखाता है कि देश और विदेश में पाकिस्तानियों ने इसे जोरदार तरीके से खारिज कर दिया है. ”
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, "हमारे इतिहास में कभी भी इतनी भीड़ अनायास और इतनी संख्या में नहीं आई है, जिसने बदमाशों के नेतृत्व वाली आयातित सरकार को खारिज कर दिया हो."
Never have such crowds come out so spontaneously and in such numbers in our history, rejecting the imported govt led by crooks. pic.twitter.com/YWrvD1u8MM
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) April 10, 2022
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने पार्टी अध्यक्ष इमरान खान के खिलाफ बीती रात अविश्वास प्रस्ताव में सरकार गिरने के बाद रविवार को देश के कई शहरों में रैलियां निकालीं. इससे पहले, खान ने कहा कि आज एक "स्वतंत्रता संग्राम" की शुरुआत हुई, जिसे उन्होंने "शासन परिवर्तन की विदेशी साजिश" कहा. 69 वर्षीय इमरान खान देश के इतिहास में सदन का विश्वास खोने के बाद सत्ता गंवाने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं.
सत्ता जाने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में खान ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘पाकिस्तान 1947 में एक स्वतंत्र राष्ट्र बना लेकिन स्वतंत्रता संग्राम आज फिर से शासन परिवर्तन की एक विदेशी साजिश के खिलाफ शुरू हुआ है. हमेशा देश के लोग ही अपनी संप्रभुता और लोकतंत्र की रक्षा करते हैं.''
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खान दावा करते रहे हैं कि उनके खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के कारण एक ‘‘विदेशी साजिश'' का परिणाम था. उन्होंने साजिश के पीछे अमेरिका का नाम लिया है. अमेरिका ने इस आरोप का कई बार स्पष्ट रूप से खंडन किया है. खान ने आरोप लगाया है कि विदेश विभाग में दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के सहायक मंत्री डोनाल्ड लू उनकी सरकार को गिराने के लिए ‘विदेशी साजिश' में शामिल थे.
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