प्रतीकात्मक तस्वीर...
मंढोले (पाकिस्तान):
पीओके में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की कार्रवाई की बात से इंकार कर रही पाकिस्तानी सेना पत्रकारों के एक समूह को नियंत्रण रेखा के निकट के स्थानों पर ले गई और वहां की स्थिति के बारे में उनको बताया.
दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव के बीच नियंत्रण रेखा पर मौजूद पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों ने कहा कि उनकी सीमा के भीतर किसी तरह की कार्रवाई असंभव है.
पाकिस्तानी सेना अपनी तरह का एक अलग सा कदम उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय मीडिया को सीमा के निकट ले गई और स्थिति को बयां किया. भारत की ओर से कहा गया है कि उसके जवानों ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है.
भारतीय सैनिकों की ओर से नियंत्रण रेखा को पार करना पाकिस्तान के लिए एक और बड़ा झटका है जो पहले भी साल 2011 में ऐबटाबाद में अमेरिकी सैन्य बलों की कार्रवाई को लेकर शर्मिंदगी का सामना कर चुका है. उस वक्त अमेरिकी सुरक्षा बलों ने ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था.
पाकिस्तानी सेना अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों को उस वक्त सीमा पर ले गई है जब भारतीय सेना प्रमुख दलबीर सिंह ने सैन्य अभियान में शामिल जवानों को बधाई दी. भारत इस कार्रवाई को लक्षित हमला (सर्जिकल स्ट्राइक) कह रहा है. भारत ने उड़ी आतंकी हमले में अपने 19 जवानों के मारे जाने के बाद यह कार्रवाई की है.
पाकिस्तान ने भारत के दावे से इंकार किया है और कहा है कि भारतीय सैनिकों ने 2003 के संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए गोलाबारी की, जिसमें उसके दो सैनिक मारे गए थे. अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों को हेलीकॉप्टर के जरिए नियंत्रण रेखा उन स्थानों के निकट भी ले जाया गया, जहां भारत आतंकी शिविरों को निशाना बनाने की बात कही है. पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के साथ सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल आसिम सलीम बाजवा भी थे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव के बीच नियंत्रण रेखा पर मौजूद पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों ने कहा कि उनकी सीमा के भीतर किसी तरह की कार्रवाई असंभव है.
पाकिस्तानी सेना अपनी तरह का एक अलग सा कदम उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय मीडिया को सीमा के निकट ले गई और स्थिति को बयां किया. भारत की ओर से कहा गया है कि उसके जवानों ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है.
भारतीय सैनिकों की ओर से नियंत्रण रेखा को पार करना पाकिस्तान के लिए एक और बड़ा झटका है जो पहले भी साल 2011 में ऐबटाबाद में अमेरिकी सैन्य बलों की कार्रवाई को लेकर शर्मिंदगी का सामना कर चुका है. उस वक्त अमेरिकी सुरक्षा बलों ने ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था.
पाकिस्तानी सेना अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों को उस वक्त सीमा पर ले गई है जब भारतीय सेना प्रमुख दलबीर सिंह ने सैन्य अभियान में शामिल जवानों को बधाई दी. भारत इस कार्रवाई को लक्षित हमला (सर्जिकल स्ट्राइक) कह रहा है. भारत ने उड़ी आतंकी हमले में अपने 19 जवानों के मारे जाने के बाद यह कार्रवाई की है.
पाकिस्तान ने भारत के दावे से इंकार किया है और कहा है कि भारतीय सैनिकों ने 2003 के संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए गोलाबारी की, जिसमें उसके दो सैनिक मारे गए थे. अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों को हेलीकॉप्टर के जरिए नियंत्रण रेखा उन स्थानों के निकट भी ले जाया गया, जहां भारत आतंकी शिविरों को निशाना बनाने की बात कही है. पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के साथ सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल आसिम सलीम बाजवा भी थे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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