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This Article is From May 31, 2022

Pakistan और आतंकी संगठन TTP के बीच Afghanistan में बनी ये बड़ी बात

पाकिस्तान (Pakistan) में टीटीपी (TTP) को अलकायदा (Al Qaida) के करीब माना जाता है और उसे पाकिस्तान में हुए कई बड़े हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है जिनमें वर्ष 2009 में पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय पर हुआ हमला, अन्य सैन्य ठिकानों पर हमले और वर्ष 2008 में इस्लामाबाद स्थित होटल मैरियट पर बम धमाका शामिल है.

Pakistan और आतंकी संगठन TTP के बीच Afghanistan में बनी ये बड़ी बात
Pakistan में सरकार और आतंकी संगठन TTP के बीच अहम सहमति बन गई है (File Photo)
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान (Pakistan) सरकार और प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-पाकिस्तान (TTP) के बीच संघर्ष विराम को अनिश्चितकाल तक के लिए बढ़ाने पर सहमति बन गई है. यह सहमति दोनों पक्षों के बीच अफगानिस्तान (Afghanistan) से लगते सीमावर्ती कबायली इलाके में करीब दो दशक से चल रहे आतंकवाद को खत्म करने के लिए हो रही वार्ता के मद्देनजर बनी है.  सूत्रों ने ‘‘पीटीआई-भाषा'' को बताया कि पूर्व में हुए संघर्ष विराम की अवधि 30 मई की रात समाप्त हो गई थी जिसे अब अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया गया है.

डॉन (Dawn) अखबार ने मंगलवार को पूरे घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से दी गई खबर में कहा कि संघर्ष विराम को बढ़ाना संकेत है कि दोनों पक्षों के बीच अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हो रही बातचीत में उल्लेखनीय प्रगति हुई है.

गौरतलब है कि टीटीपी (TTP) को पाकिस्तान तालिबान भी कहते हैं. वर्ष 2007 में कई आतंकवादी संगठनों को मिलाकर इस साझा समूह का गठन किया गया था. टीटीपी का मुख्य लक्ष्य पाकिस्तान में सख्त इस्लाम लागू करना है.

माना जाता है कि टीटीपी, अलकायदा के करीब है और उसे पाकिस्तान में हुए कई बड़े हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है जिनमें वर्ष 2009 में पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय पर हुआ हमला, अन्य सैन्य ठिकानों पर हमले और वर्ष 2008 में इस्लामाबाद स्थित होटल मैरियट पर बम धमाका शामिल है.

सूत्रों के हवाले से अखबार ने बताया कि अफगानिस्तान की तालिबान नीत सरकार के प्रधानमंत्री मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंद से उनके कार्यालय में हुई मुलाकात के बाद दोनों पक्षों में संघर्ष विराम को बढ़ाने व शांति वार्ता जारी रखने पर सहमति बनी.

इन सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों के साथ अखुंद की बैठक के दौरान उन्होंने इच्छा जताई कि संघर्ष विराम और वार्ता बिना किसी अंतिम तिथि के जारी रहनी चाहिए.

इसके बाद हुई दोनों पक्षों की बैठक में संघर्ष विराम को अनिश्चित काल के लिए बढ़ाने और वार्ता को जारी रखने पर सहमति बनी, ताकि संघर्ष को समाप्त किया जा सके जिसकी वजह से पाकिस्तान के कबायली इलाकों और पूरे पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर लोगों को विस्थापित होना पड़ा है और हजारों लोग मारे गए हैं.

अफगानिस्तान की अंतरिम तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद और टीटीपी के प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी ने इस महीने की शुरुआत में बयान जारी कर संघर्ष विराम को 30 मई तक बढ़ाने की घोषणा की थी.

हालांकि, संघर्ष विराम को अनिश्चितकाल तक बढ़ाने के फैसले की जानकारी देने के लिए अबतक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.

यह घटनाक्रम अफगानिस्तान की राजधानी में दोनों तरफ के वरिष्ठ स्तर के प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई ‘‘गहन वार्ता'' के बाद सामने आया है और लगता है कि समझौता होने के वे करीब हैं.

सूत्रों ने बताया कि अफगानिस्तान के कार्यवाहक आतंरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी इस वार्ता में मध्यस्थता कर रहे हैं जो दोनों पक्षों को बातचीत की मेज पर लेकर आए हैं.

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