इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के खिलाफ अवमानना के मामले में आरोप तय हो गए हैं। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में पेश चार्जशीट में गिलानी पर कोर्ट का आदेश न मानते हुए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए स्विस अधिकारियों को खत नहीं लिखने का आरोप है हालांकि गिलानी ने आज कोर्ट में फिर से खुद को बेकसूर बताया और अपना जवाब दाखिल करने के लिए वक्त मांगा। इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 22 फरवरी तय कर दी। गिलानी को अगली तारीख पर दौरान हाजिर होने की जरूरत नहीं होगी। कोर्ट ने उन्हें यह छूट दे दी है। साथ ही कोर्ट ने गिलानी के खिलाफ मुकदमा लड़ने के लिए पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल को नियुक्त किया है।
गौरतलब है कि इस केस के चलते उन्हें अपना पद भी खोना पड़ सकता है, जबकि राष्ट्रपति के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को फिर से खोलने से उनके इनकार के चलते पाकिस्तान में एक बार फिर राजनीतिक संकट पैदा हो सकता है।
अवमानना मामले में दोषी पाए जाने पर 59-वर्षीय गिलानी को छह माह की सजा हो सकती है और उन्हें पांच साल तक सार्वजनिक पद पर रहने के अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि इस केस के चलते उन्हें अपना पद भी खोना पड़ सकता है, जबकि राष्ट्रपति के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को फिर से खोलने से उनके इनकार के चलते पाकिस्तान में एक बार फिर राजनीतिक संकट पैदा हो सकता है।
अवमानना मामले में दोषी पाए जाने पर 59-वर्षीय गिलानी को छह माह की सजा हो सकती है और उन्हें पांच साल तक सार्वजनिक पद पर रहने के अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ सकता है।
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