
पाकिस्तान सरकार के इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी (IRSA) की ओर से जारी ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक 20 जून, 2025 को इंडस रिवर सिस्टम से सिंध प्रांत को एक लाख 33 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि पिछले साल 20 जून, 2024 को इंडस रिवर सिस्टम से सिंध प्रांत के लिए एक लाख 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था.
IRSA के इन आंकड़े दिखाते हैं कि पिछले साल के मुकाबले इस साल 20 जून को सिंध प्रान्त को 21.76% पानी की कटौती की गयी है!
पाकिस्तान में खेती के लिए जरूरी पानी का करीब 80% इंडस रिवर सिस्टम पर निर्भर करता है, लेकिन इंडस रिवर सिस्टम में पानी का स्तर घटने की वजह से कृषि के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण प्रांतों को कम पानी छोड़ा जा रहा है.
IRSA के आंकड़े
IRSA की ओर से जारी ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक 20 जून, 2025 को इंडस रिवर सिस्टम से पंजाब प्रांत को 1,10,500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. वहीं पिछले साल 16 जून को इंडस रिवर सिस्टम की ओर से पंजाब प्रांत के लिए 1,30,800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. यानी, पिछले साल के मुकाबले इस साल 16 जून को 15.51% कम पानी छोड़ा गया.
ये संकट ऐसे समय पर बढ़ रहा है, जब पाकिस्तान में खरीफ फसलों की बुवाई चल रही है. इसका सबसे ज़्यादा असर वहां खरीफ फसलों की बुआई पर पड़ रहा है, किसान संकट में हैं.
मुश्किल यह है कि मॉनसून पाकिस्तान में जून के आखिर में या जुलाई के पहले हफ्ते तक पहुंचता है. यानी अगले दो हफ्ते में पाकिस्तान में पानी का संकट और बड़ा हो सकता है.
भारत ने Indus Water Treaty को स्थगित करने के बाद पाकिस्तान से Indus River System से जुड़ी नदियों के जलस्तर के बारे में जानकारी शेयर करना बंद कर दिया है.
ऐसे में जब मॉनसून सीजन के दौरान Indus River System से जुड़ी नदियों का जब जलस्तर बढ़ेगा तो इससे पाकिस्तान में बाढ़ का खतरा बड़ा हो सकता है और उसे आपदा झेलनी पड़ सकती है.
भारत ने 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के अगले ही दिन भारत ने सिंधु जल समझौते को 23 अप्रैल को स्थगित कर दिया था. भारत-पाकिस्तान ने यह संधि 1960 में की थी. इसके तहत सिंधु वाटर सिस्टम की तीन पूर्वी नदियों का पानी भारत इस्तेमाल कर सकता है. वहीं तीन पश्चिमी नदियों के पानी पर पाकिस्तान को अधिकार दिया गया था.
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