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आबू धाबी से दिल्ली आ रहे एयर इंडिया के विमान की पाकिस्तान में इमरजेंसी लैंडिंग मामले में पाकिस्तान ने दो कदम आगे बढ़कर मदद की है।
उड़ान संख्या एआई 940 के पायलट ने जैसे ही इमरजेंसी लैंडिंग की इजाज़त मांगी भारत सरकार से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान अविएशन अथॉरिटी ने न सिर्फ इमरजेंसी लैंडिंग की तुरंत अनुमति दे दी बल्कि कराची एटीसी ने विमान को सबसे नज़दीक के एयरपोर्ट नवाबशाह तक पहुंचने में मदद भी की।
भारत ने जैसे ही रिलीफ प्लेन भेजने की अनुमति मांगी पाकिस्तान ने इसकी भी मंज़ूर बिना किसी देरी के दे दी। एयरपोर्ट पर विमान में फंसे यात्रियों के लिए खाने-पीने का बंदोबस्त भी किया गया। पाकिस्तान की तरफ से आ रही जानकारी के मुताबिक़ शुरू में जब भारतीय मुसाफ़िरों को खाने-पीने की पेशकश की गई तो एयर इंडिया के क्रू मेंबर ने इससे इनकार कर दिया।
पाकिस्तान की तरफ से भारतीय मुसाफ़िरों को लाउंज में आकर बैठने और आराम करने की पेशकश भी की गई लेकिन भारतीय क्रू मेंबर ने मुसाफिरों को विमान से नीचे उतारना मुनासिब नहीं समझा।
दिलचस्प बात तो यह है कि एयर इंडिया अपने रिलीफ प्लेन के क्रू मेंबर के साथ सेल कार्ड भेजना भूल गई जो विदेशों में विमान की रिफ्यूलिंग के काम आता है। ऐसे में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस पीआईए ने भारतीय विमान की रिफ्यूलिंग का भुगतान किया।
आंतरिक मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार रहमान मलिक ने विमान पर सवार तमाम मुसाफ़िरों के लिए एक दिन का ट्रांज़िट वीज़ा जारी करने का आदेश दे दिया ताकि अगर उन्हें यहां ठहरना भी पड़े तो दिक्कत ना हो।
भारतीय हवाई इंजीनियरों के पहुंचने के पहले पाकिस्तानी इंजीनियरों ने विमान में आई ख़राबी की शुरुआती पड़ताल की।
भारतीय विमान की पाकिस्तान में इमरजेंसी लैंडिंग के बाद मीडिया के ज़रिए ख़बर फैलने की उम्मीद पहले से थी। इसलिए भारतीय विमान और उसमें सवार यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी पाकिस्तान की तरफ से एहतियाती क़दम उठाए गए।
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