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This Article is From Dec 18, 2014

लखवी की जमानत से सकते में है अभियोजन पक्ष, जमानत को चुनौती देगी सरकार

लखवी की जमानत से सकते में है अभियोजन पक्ष, जमानत को चुनौती देगी सरकार
फाइल फोटो
लाहौर:

पाकिस्तान की आतंकवाद-निरोधी अदालत द्वारा 2008 मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ता जकिउर्रहमान लखवी को जमानत मिलने से अभियोजन पक्ष भी सकते में है और वे इस फैसले को चुनौती देंगे।

अभियोजन का कहना है कि 2008 मुंबई हमले में लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशंस कमांडर लखवी के खिलाफ सबूत होने के बावजूद उसे जमानत मिलना आश्चर्यजनक है।

अभियोजन पक्ष के प्रमुख चौधरी अजहर ने बताया, 'सुनवायी लगभग खत्म होने वाली है ऐसे में इस्लामाबाद की आतंकवाद-निरोधी अदालत ने आज लखवी को जमानत दे दी, जबकि उसके खिलाफ सबूत भी मौजूद हैं।'

इस मामले की सुनवायी 2009 में शुरू हुई। उस वक्त से सात न्यायाधीश बदल चुके हैं और न्यायमूर्ति कौसर अब्बासी जैदी आठवें न्यायाधीश हैं। सुरक्षा कारणों से वह रावलपिंडी के अदीआला जेल में बंद कमरे में सुनवायी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, 'हमने अभी तक अदालत में 46 गवाह पेश किए हैं जिन्होंने सभी सात आरोपियों.. जकिउर रहमान लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और युनिस अंजुम के खिलाफ गवाही दी है। आने वाले दिनों में सिर्फ और 15 गवाहों को उनके खिलाफ बयान देना है और यह सुनवायी तीन से चार सप्ताह में पूरी होने वाली है।'

इन 46 गवाहों में संघीय जांच एजेंसी, अपराध जांच विभाग, नेशनल डेटाबेस रजिस्ट्रेशन ऑथोरिटी के अधिकारी, सरकारी डॉक्टर और प्रशिक्षण शिविर चलाने वाले, बैंक के लेनदेन, मुंबई में हमला कर रहे 10 आंतकवादियों को फोन पर निर्देश देने वालों, आतंकवादियों के परिवहन के रूप में प्रयुक्त नौकाएं खरीदने वालों के खिलाफ गवाही देने वाले शामिल हैं।

चौधरी अजहर सहित अभियोजन पक्ष के वकीलों को जमात-उद-दावा से धमकियां मिली थीं। ऐसी ही धमकियां न्यायाधीश को भी मिलीं, जिसके बाद उन्होंने सुरक्षा की मांग की।

जमात-उद-दावा का नेतृत्व हाफिज सईद करता है, जो नवंबर 2008 में मुंबई में हुए हमलों की साजिश करने के मामले में भारत के वांछितों की सूची में शामिल है। करीब 60 घंटों तक चले इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे।

इस मामले के सातों आरोपियों लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और युनूस अंजुम के खिलाफ रावलपिंडी के अदियाला जेल में सुनवायी चल रही है।

अभियोजन पक्ष के वकीलों ने हाल ही में अदालत में आवेदन देकर मामले की सुनवायी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कराने या गवाहों को अपना रिकार्ड किया हुआ बयान अदालत को सौंपने का अनुरोध किया था, लेकिन अदालत ने इस आवेदन को खारिज कर दिया था।

लखवी सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ 15 गवाहों का बयान दर्ज होना अभी बाकी है इसके बावजूद उसे जमानत मिलने पर आश्चर्य जताते हुए अभियोजन पक्ष के प्रमुख चौधरी अजहर ने कहा, 'लखवी की जमानत के मामले में अदालत के फैसले का अध्ययन करने के बाद उसे चुनौती देने का फैसला लिया जाएगा।'

आंतरिक मंत्रालय के एक प्रवक्ता अधिकारी ने बताया कि सरकार सुनवाई अदालत के फैसले के खिलाफ अपील जरूर करेगी।

पहचान गुप्त रखने का अनुरोध करते हुए अधिकारी ने कहा, 'मुंबई आतंकवादी हमले के सातों आरोपियों के खिलाफ हमारा मुकदमा बहुत मजबूत है और लखवी की जमानत को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।'

अधिकारी ने दावा किया कि सरकार 16 एमपीओ (मेंटेनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर) कानून के तहत लखवी को जमानत मिलने के बावजूद रिहा नहीं करेगी। उन्होंने बताया कि पहले भी ऐसे कई मामले हुए हैं, जब जमानत मिलने के बावजूद व्यक्ति को 16 एमपीओ कानून के तहत रिहा नहीं किया गया।
 

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