इस्लामाबाद:
पाकिस्तान की न्यायपालिका और सरकार के बीच टकराव की स्थिति लगभग तय हो गई है। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी ने पाकिस्तान सरकार को यह स्पष्ट कर दिया है कि उसे न्यायालय के आदेशों का पालन करना होगा अथवा वह इसका अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे। चौधरी ने हुसैन असगर को संघीय जांच एजेंसी में और सोहैल अहमद को संस्थापना सचिव के तौर पर फिर से नियुक्त किये जाने के लिए 24 घंटे का समय दिया है, ताकि अरबों रुपये के हाजी घोटाले की जांच की जा सके। इस घोटाले में प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के बड़े बेटे अब्दुल कादिर गिलानी भी शामिल हैं। गौरतलब है कि सोहैल अहमद को गिलगित बाल्टिस्तान का पुलिस महानिरीक्षक नियुक्त कर दिया गया है। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी ने संविधान को अक्षुण्ण, सुरक्षित और उसकी रक्षा करने की अपील करते हुए कहा कि किसी भी परिस्थिति में संविधान को कमजोर करने की कोशिश का विरोध किया जाना चाहिए। बुधवार रात न्यायालय की पूर्ण बैठक के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने कानून विशेषज्ञों, विपक्षी नेताओं और पूर्व न्यायाधीशों के समक्ष यह बात कही। चौधरी ने कहा कि स्वतंत्र न्यायपालिका जैसी व्यवस्था को लागू किए जाने के बाद जनता को इससे बड़ी उम्मीदें हैं। न्यायालय की पूर्ण बैठक के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने कानून विशेषज्ञों, विपक्षी नेताओं और पूर्व न्यायाधीशों के समक्ष यह बात कही।
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