इस्लामाबाद:
पाकिस्तान की सेना ने कहा कि उत्तरी वजीरिस्तान में उग्रवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए उसके ऊपर कोई दबाव नहीं है और वह देश में स्वतंत्र अभियान चलाने की अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को इजाजत नहीं देगा। सेनाध्यक्ष जनरल अशफाक परवेज कयानी की अध्यक्षता में कोर कमाण्डरों की बैठक के बाद यह ऐलान किया गया। बैठक में अमेरिका के साथ सैन्य रिश्तों तथा अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद आंतरिक सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा की गई। उत्तरी अफगानिस्तान में सैन्य अभियानों के बारे में खबरों पर चर्चा के दौरान कयानी ने कमाण्डरों को सूचित किया कि सेना एक सुविचारित अभियान योजना के तहत काम कर रही है और फिलहाल उस पर अभियान चलाने के लिए कोई दबाव नहीं है। उन्होंने कहा, जब कभी भी भावी अभियान चलाए जाएंगे वे राजनीतिक आम सहमति से होंगे। कयानी का ऐलान उत्तरी वजीरिस्तान में हक्कानी नेटवर्क जैसे गुटों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए बढ़ते अमेरिकी दबाव संबंधी खबरों के बीच आया है। सेनाध्यक्ष ने उत्तरी वजीरिस्तान के लोगों से अपनी सरजमीं से सभी विदेशियों को बाहर निकालने तथा अपनी धरती और भाग्य का खुद निर्धारण करने की अपील की। कयानी ने कहा उत्तरी वजीरिस्तान में सेना लोगों को उनके प्रयासों में मदद के प्रति प्रतिबद्ध है।
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