ढाका:
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और वर्तमान नेता विपक्ष खालिदा जिया ने यहां पहुंचे भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है। उन्होंने पूर्व पार्टी सहयोगी जमात-ए-इस्लामी द्वारा आहूत बंद के बीच सुरक्षा चिंता को इसका कारण बताया।
जिया ने पिछले साल अक्टूबर में भारत आने पर मुखर्जी से मुलाकात की थी। उनका सोमवार को मुखर्जी से मिलने का कार्यक्रम था। लेकिन बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष ने मिलने का कार्यक्रम रद्द कर दिया।
पार्टी के प्रवक्ता ने बताया कि उपाध्यक्ष शमशेर मोबि चौधरी ने रविवार को यहां भारतीय उच्चायोग को कार्यक्रम रद्द करने की सूचना दी। प्रवक्ता ने कहा, "बंद के दौरान सुरक्षा को लेकर चिंता थी।"
राष्ट्रपति मुखर्जी की बांग्लादेश यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जबकि विपक्षी जमात-ए-इस्लामी वर्ष 1971 के युद्ध अपराध के लिए अपने शीर्ष नेताओं को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है। जमात-ए-इस्लामी ने तीन से पांच मार्च तक हड़ताल आयोजित की है।
जमाते-ए-इस्लामी अपने प्रमुख दिलवर हुसैन सईदी को 1971 के युद्ध अपराध, जिसमें दुष्कर्म और नरसंहार शामिल है, के लिए दोषी ठहराए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है।
पुलिस और जमात समर्थकों (छात्र इकाई इस्लामी छात्र शिबिर सहित) के बीच संघर्ष में अब तक कम से कम 60 लोगों की जान जा चुकी है।
रविवार को पुलिस और जमात-ए-इस्लामी समर्थकों के बीच झड़प में 14 लोगों की जान चली गई, जिसमें से एक पुलिस कंस्टेबल है।
चौधरी ने कहा, "औपचारिक मुलाकात ऐसे समय होने का कार्यक्रम था, जब जमात हड़ताल कर रहा है। हमने भारतीय उच्चायोग को बता दिया है कि खालिदा सुरक्षा कारणों से सोनारगांव होटल में नहीं पहुंच पाएंगी।"
बीएनपी ने पांच मार्च को हड़ताल की घोषणा की है, जो मुखर्जी की यात्रा का आखिरी दिन है।
बांग्लादेश की तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचे भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का रविवार को भव्य स्वागत किया गया। उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई।
पत्नी सुवर्णा मुखर्जी और एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां पहुंचे मुखर्जी का बांग्लादेश के राष्ट्रपति एम. जिल्लुर रहमान ने हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्वागत किया।
मुखर्जी के साथ गए आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल में रेल राज्य मंत्री अधीर रंजन चौधरी, विदेश सचिव रंजन मथाई और चार सांसद शामिल हैं।
यह मुखर्जी की भारत के राष्ट्रपति के रूप में पहली विदेश यात्रा है। उनके स्वागत के लिए एक विशेष सुसज्जित मंच तैयार किया गया था।
हवाई अड्डे पर मुखर्जी के स्वागत के लिए बांग्लादेश की विदेश मंत्री दीपू मोनी सहित कई अन्य मंत्री भी मौजूद थे।
जिया ने पिछले साल अक्टूबर में भारत आने पर मुखर्जी से मुलाकात की थी। उनका सोमवार को मुखर्जी से मिलने का कार्यक्रम था। लेकिन बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष ने मिलने का कार्यक्रम रद्द कर दिया।
पार्टी के प्रवक्ता ने बताया कि उपाध्यक्ष शमशेर मोबि चौधरी ने रविवार को यहां भारतीय उच्चायोग को कार्यक्रम रद्द करने की सूचना दी। प्रवक्ता ने कहा, "बंद के दौरान सुरक्षा को लेकर चिंता थी।"
राष्ट्रपति मुखर्जी की बांग्लादेश यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जबकि विपक्षी जमात-ए-इस्लामी वर्ष 1971 के युद्ध अपराध के लिए अपने शीर्ष नेताओं को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है। जमात-ए-इस्लामी ने तीन से पांच मार्च तक हड़ताल आयोजित की है।
जमाते-ए-इस्लामी अपने प्रमुख दिलवर हुसैन सईदी को 1971 के युद्ध अपराध, जिसमें दुष्कर्म और नरसंहार शामिल है, के लिए दोषी ठहराए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है।
पुलिस और जमात समर्थकों (छात्र इकाई इस्लामी छात्र शिबिर सहित) के बीच संघर्ष में अब तक कम से कम 60 लोगों की जान जा चुकी है।
रविवार को पुलिस और जमात-ए-इस्लामी समर्थकों के बीच झड़प में 14 लोगों की जान चली गई, जिसमें से एक पुलिस कंस्टेबल है।
चौधरी ने कहा, "औपचारिक मुलाकात ऐसे समय होने का कार्यक्रम था, जब जमात हड़ताल कर रहा है। हमने भारतीय उच्चायोग को बता दिया है कि खालिदा सुरक्षा कारणों से सोनारगांव होटल में नहीं पहुंच पाएंगी।"
बीएनपी ने पांच मार्च को हड़ताल की घोषणा की है, जो मुखर्जी की यात्रा का आखिरी दिन है।
बांग्लादेश की तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचे भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का रविवार को भव्य स्वागत किया गया। उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई।
पत्नी सुवर्णा मुखर्जी और एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां पहुंचे मुखर्जी का बांग्लादेश के राष्ट्रपति एम. जिल्लुर रहमान ने हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्वागत किया।
मुखर्जी के साथ गए आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल में रेल राज्य मंत्री अधीर रंजन चौधरी, विदेश सचिव रंजन मथाई और चार सांसद शामिल हैं।
यह मुखर्जी की भारत के राष्ट्रपति के रूप में पहली विदेश यात्रा है। उनके स्वागत के लिए एक विशेष सुसज्जित मंच तैयार किया गया था।
हवाई अड्डे पर मुखर्जी के स्वागत के लिए बांग्लादेश की विदेश मंत्री दीपू मोनी सहित कई अन्य मंत्री भी मौजूद थे।
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