विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Dec 12, 2021

ओमिक्रॉन एंटीबॉडी को कर सकता है बेअसर पर बेहतर इम्यूनिटी से बचाव संभव

प्रारंभिक रिसर्च में संकेत हैं कि मौजूदा प्रतिरक्षा ओमिक्रॉन पर कम असरदार है. ये अध्ययन अभी प्रकाशित नहीं हुए हैं और स्वतंत्र रूप से अन्य वैज्ञानिकों द्वारा औपचारिक रूप से इसकी समीक्षा होने वाली है.

Read Time: 4 mins
ओमिक्रॉन एंटीबॉडी को कर सकता है बेअसर पर बेहतर इम्यूनिटी से बचाव संभव
तीसरी बूस्टर खुराक ओमिक्रॉन स्वरूप को भी बेअसर करेगा.
ब्रिस्टल:

कोरोना वायरस (Coronavirus) का ओमिक्रॉन (Omicron) वैरिएंट तेजी से फैल रहा है. ऐसे में, लोग जानना चाहते हैं कि क्या टीकाकरण या पूर्व में संक्रमित होने से बनी प्रतिरक्षा (Immunity) उन्हें संक्रमित होने या गंभीर बीमारी से बचाने के लिए पर्याप्त होगी. यदि पूर्व में बनी प्रतिरक्षा पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करती है तो ओमिक्रॉन के प्रसार को धीमा करने के लिए टीकाकरण और बूस्टर खुराक (Booster Dose) के साथ एहतियाती उपाय स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर दबाव को रोक सकते हैं. लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो सामाजिक पाबंदियों को लगाना होगा क्योंकि ओमिक्रॉन लगभग पूरी दुनिया में फैल चुका है और आशंका है कि यह वायरस के डेल्टावैरिएंट की जगह ले सकता है.

ओमिक्रॉन वैरिएंट का दो घंटे में पता लगाएगी भारत में बन रही ये किट, भारतीय वैज्ञानिकों ने किया तैयार

प्रारंभिक रिसर्च में संकेत हैं कि मौजूदा प्रतिरक्षा ओमिक्रॉन पर कम असरदार है. ये अध्ययन अभी प्रकाशित नहीं हुए हैं और स्वतंत्र रूप से अन्य वैज्ञानिकों द्वारा औपचारिक रूप से इसकी समीक्षा होने वाली है. हालांकि, अनुसंधान में यह भी बताया गया है कि तीसरी बूस्टर खुराक देने से सुरक्षा मिल सकती है. इसलिए, बुरी खबर उतनी बुरी नहीं है जितनी हो सकती है, लेकिन अच्छी खबर को भी सावधानी से संभालने की जरूरत है.

शुरुआती रिपोर्ट में सबसे तेजी से सुलभ डेटा पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो कि लोगों के खून में एंटीबॉडी की मात्रा है जो वायरस के नए वैरिएंट को निष्क्रिय करने में सक्षम हैं. कुल मिलाकर, डेटा लगातार संकेत देता है कि ओमिक्रॉन कुछ हद तक एंटीबॉडी से बच सकता है. डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले कहीं कहीं यह 10 से 20 गुना या 40 गुना तक अधिक है. इस तरह जिन लोगों ने टीके की दो खुराक ली थी और पूर्व में संक्रमित भी हुए थे, उनमें ओमिक्रॉन को बेअसर करने का स्तर अधिक था.

यह चिंताजनक प्रतीत हो सकता है. लेकिन यह पूरी कहानी नहीं है. वायरस के पूर्व के वैरिएंटों पर हुए पिछले अध्ययनों में देखें तो एंटीबॉडी को निष्प्रभावी करने के स्तर का सुरक्षा के स्तरों से संबंध है. एंटीबॉडी को बेअसर करने का कम स्तर होने से जरूरी नहीं है कि लोग संक्रमित ही होंगे. पूर्व के अध्ययन से पता चलता है कि एंटीबॉडी के कम स्तर के बावजूद लोगों का बचाव होता है खासकर गंभीर बीमारी से और डेल्टा वैरिएंट से भी. हो सकता है कि यह ओमिक्रॉन के मामले में भी काम करे.

क्या ओमिक्रॉन पर काम करती हैं मौजूदा कोरोना वैक्सीन, WHO की टॉप एक्सपर्ट का जवाब
 

बूस्टर खुराक अच्छी खबर?
हालिया अध्ययनों में से दो में यह भी सुझाया गया है कि कोविड-19 रोधी टीके की तीसरी बूस्टर खुराक व्यापक रूप से फैले डेल्टावैरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी को बेअसर करने के स्तर को बढ़ाती है और संभवत: यह ओमिक्रॉन स्वरूप को भी बेअसर करेगा. इनमें से एक (टीका निर्माता फाइजर की एक प्रेस विज्ञप्ति) से पता चलता है कि एक बूस्टर खुराक ओमिक्रॉन के बेअसर होने में काफी असरदार हो सकता है.

भारत में तीसरी लहर का खतरा बन सकता है ओमिक्रॉन? WHO की शीर्ष अधिकारी ने दिया ये जवाब

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
ब्रिटेन में चुनाव के लिए मतदान शुरू, प्रधानमंत्री के तौर पर सुनक के चुनावी भविष्य का होगा फैसला
ओमिक्रॉन एंटीबॉडी को कर सकता है बेअसर पर बेहतर इम्यूनिटी से बचाव संभव
मालदीव के साथ एफटीए चाहता है भारत : मालदीव के मंत्री
Next Article
मालदीव के साथ एफटीए चाहता है भारत : मालदीव के मंत्री
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;