वाशिंगटन:
जहां एक ओर अमेरिका में निवास कर रहे 1.1 करोड़ अवैध आप्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने की राष्ट्रपति बराक ओबामा की योजना लीक होने के बाद तूफान खड़ा हो गया है, वहीं व्हाइट हाउस ने इसे महज एक खानापूर्ती की योजना बताया है। इन अवैध प्रवासियों में लगभग 250,000 भारतीय भी है।
एनबीसी न्यूज ने व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के हवाले से कहा है, "द्विदलीय प्रकिया की खटाई में पड़ने और विधेयक पेश न हो पाने की स्थिति में प्रशासन आगे बढ़ने के लिए तैयार रहेगा।" उन्होंने आगे कहा, "लेकिन हमारा ध्यान कांग्रेस की प्रकिया को वरीयता देने पर रहेगा।"
लीक की घटना पर कुछ मीडिया पंडितों का कहना है कि यह रिपब्लिकन पर दबाव बनाने के लिए उनके सामने "चारा" फेंका गया था, ताकि ओबाम अपने मन का कर सकें। कुछ अन्य लोगों ने कहा कि यह "आठ के गिरोह" (गैंग ऑफ एट) के काम को कठिन बना देगा। इस तथाकथित गिरोह में इस मसले का हल ढूंढने के लिए डेमोक्रेट और रिपब्लिकन के चार-चार प्रतिनिधि शामिल हैं।
ओबामा की योजना के मुताबिक बिना दस्तावेज के रह रहे आप्रवासियों को स्थायी निवास के लिए आठ वर्षों का सफर तय करना होगा। इस दौरान उन्हें आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच से गुजरना होगा। कर देने के अलावा अंग्रेजी सीखनी होगी। इसके बाद उन्हें "वैध संभावित आप्रवासी" वीसा हासिल करनी होगी।
बोस्टन हेराल्ड का कहना है, "राजनीतिक पंडितों और सुधार के वकालत करने वालों ने इसे लैटिन-अमेरिकी मतदाताओं का समर्थन अपने पक्ष में बनाए रखने वाला एक कदम बताया है।"
वहीं वॉयस ऑफ अमेरिका का मत है कि व्हाइट हाउस से प्रस्ताव के लीक होने से आप्रवासन सुधार की राह कठिन हो जाएगी।
सीएनएन ने आप्रवासन बहस को "बड़े दाव का राजनीतिक खेल" कहा है। फ्लोरिडा से प्रतिनिधिसभा में पूर्व रिपब्लिकन सदस्य कोनी मैक ने ओबामा के योजना को रिपब्लिकनों को डराने का खेल कहा है। उनके मुताबिक राष्ट्रपति राजनीतिक लाभ के लिए मुद्दे को जिंदा रखना चाहते हैं।
एनबीसी न्यूज ने व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के हवाले से कहा है, "द्विदलीय प्रकिया की खटाई में पड़ने और विधेयक पेश न हो पाने की स्थिति में प्रशासन आगे बढ़ने के लिए तैयार रहेगा।" उन्होंने आगे कहा, "लेकिन हमारा ध्यान कांग्रेस की प्रकिया को वरीयता देने पर रहेगा।"
लीक की घटना पर कुछ मीडिया पंडितों का कहना है कि यह रिपब्लिकन पर दबाव बनाने के लिए उनके सामने "चारा" फेंका गया था, ताकि ओबाम अपने मन का कर सकें। कुछ अन्य लोगों ने कहा कि यह "आठ के गिरोह" (गैंग ऑफ एट) के काम को कठिन बना देगा। इस तथाकथित गिरोह में इस मसले का हल ढूंढने के लिए डेमोक्रेट और रिपब्लिकन के चार-चार प्रतिनिधि शामिल हैं।
ओबामा की योजना के मुताबिक बिना दस्तावेज के रह रहे आप्रवासियों को स्थायी निवास के लिए आठ वर्षों का सफर तय करना होगा। इस दौरान उन्हें आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच से गुजरना होगा। कर देने के अलावा अंग्रेजी सीखनी होगी। इसके बाद उन्हें "वैध संभावित आप्रवासी" वीसा हासिल करनी होगी।
बोस्टन हेराल्ड का कहना है, "राजनीतिक पंडितों और सुधार के वकालत करने वालों ने इसे लैटिन-अमेरिकी मतदाताओं का समर्थन अपने पक्ष में बनाए रखने वाला एक कदम बताया है।"
वहीं वॉयस ऑफ अमेरिका का मत है कि व्हाइट हाउस से प्रस्ताव के लीक होने से आप्रवासन सुधार की राह कठिन हो जाएगी।
सीएनएन ने आप्रवासन बहस को "बड़े दाव का राजनीतिक खेल" कहा है। फ्लोरिडा से प्रतिनिधिसभा में पूर्व रिपब्लिकन सदस्य कोनी मैक ने ओबामा के योजना को रिपब्लिकनों को डराने का खेल कहा है। उनके मुताबिक राष्ट्रपति राजनीतिक लाभ के लिए मुद्दे को जिंदा रखना चाहते हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं