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This Article is From Nov 16, 2015

ओबामा नहीं बदलेंगे आईएस के खिलाफ रणनीति, सीरियाई शरणार्थियों के लिए खुले रखेंगे दरवाजे

ओबामा नहीं बदलेंगे आईएस के खिलाफ रणनीति, सीरियाई शरणार्थियों के लिए खुले रखेंगे दरवाजे
अंताल्या: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सोमवार को माना कि पेरिस आतंकवादी हमला इस्लामिक स्टेट के खिलाफ कार्रवाई में एक जबरदस्त झटका है। लेकिन उन्होंने पुरजोर तरीके से उन आलोचकों की अपील खारिज कर दी, जिन्होंने अमेरिका से आतंकवादियों के खिलाफ अपने सैन्य अभियान में बदलाव करने या विस्तारित करने की अपील की है।

ओबामा ने दो दिनों के जी-20 शिखर सम्मेलन के समापन पर संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, 'हम जो रणनीति आगे रख रहे हैं वह आखिरकार काम करने जा रही है। इसमें वक्त लगेगा।' आईएस की क्षमता को कम कर आंकने के बारे में बार-बार सवाल पूछे जाने से ओबामा खीझ गए। उन्होंने क्षेत्र में अमेरिका के जमीनी सैनिकों (थल सेना) को भेजने की बात खारिज करते हुए कहा कि यह एक गलती होगी और क्षेत्र में एक स्थायी कब्जा लेने वाले बल की प्रतिबद्धता नहीं होने तक यह काम नहीं करेगा।

उन्होंने कहा, 'जब सैनिक भेजे जाएंगे, वे सैनिक घायल होंगे। वे मारे जाएंगे।' नई रणनीति बताने की बजाय ओबामा ने कहा कि अमेरिका अभी चल रहे हवाई हमलों में तेजी लाएगा। साथ ही नरमपंथी बलों को हथियार और प्रशिक्षण देगा। उन्होंने अन्य देशों से आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में अपनी भागीदारी बढ़ाने की भी अपील की।

इसके अलावा अमेरिका की योजना साल 2016 में 10,000 सीरियाई शरणार्थियों को शरण देने की है। वहीं राष्ट्रपति ओबामा ने कहा, 'सीरिया से पलायन कर रहे लोग आतंकवाद के सबसे बड़े पीड़ित हैं, देश के गृहयुद्ध और संघर्ष का उन पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। हम ऐसा कभी नहीं कर सकते कि इन हिंसा के पीड़ितों के लिए अपने दरवाज़े बंद कर दें और किसी तरह आतंकवाद के मुद्दे को शरणार्थी मुद्दे के समानांतर खड़ा करना शुरू कर दें।' (पढ़ें - 10000 सीरियाई शरणार्थियों को शरण देगा अमेरिका)

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